बोले सीएम, सरस्वती कूप व असली अक्षयवट दर्शन की हो रही व्यवस्था
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरस्वती कूप व असली अक्षयवट दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। इसका लोगों ने स्वागत किया है।
प्रयागराज : दैनिक जागरण के समाचारीय अभियान को मुकाम हासिल होने जा रहा है। सर्किट हाउस में कुंभ के कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि इस बार कुंभ में आम श्रद्धालुओं को भी सरस्वती कूप के साथ असली अक्षयवट दर्शन का पुण्य मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने दैनिक जागरण के सवाल पर जवाब दिया कि अक्षयवट का दर्शन कराने के लिए काफी पहले से ही सरकार की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए थे। इसके परिप्रेक्ष्य में ही वह भी अब तक दो बार किले में जा चुके हैं। यही नहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी किला आ चुकी हैं। इसके अलावा भी कई उच्चाधिकारियों की टीम इस बाबत अक्षयवट आ चुकी है। रक्षा मंत्रालय और प्रदेश सरकार के उच्चाधिकारियों के बीच कई दफा महत्वपूर्ण बैठकें भी हो चुकी हैं। इस बार के कुंभ के दौरान पूरी तैयारी है कि श्रद्धालुओं को अक्षयवट का दर्शन प्राप्त हो सके। यह केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में भी है।
दैनिक जागरण ने चलाया समाचारीय अभियान
अक्षयवट के दर्शन के लिए दैनिक जागरण की ओर से एक पखवारा पहले से समाचारीय अभियान शुरू किया गया है। इसमें शहर के गणमान्य लोगों के साथ इतिहासकारों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, धर्माचार्यों को भी जोड़ा गया है। रोज ही 'प्रयागराज मांगे अक्षयवट दर्शन' और 'हां, मैंने देखा है असली अक्षयवट' कॉलम प्रकाशित किया जा रहा है। इस अभियान से शहर के लोग लगातार जुड़ते जा रहे हैं। दैनिक जागरण की पहल के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी यह मांग अपनी बैठक के माध्यम से उठाई है।
सीएम की घोषणा का स्वागत
अक्षयवट दर्शन को लेकर मुख्यमंत्री के बयान का लोगों ने स्वागत किया है। लूकरगंज निवासी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रमेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि दैनिक जागरण का अभियान अक्षयवट दर्शन की कल्पना को साकार कर सकता है। मिन्हाजपुर निवासी फैजी खान और करेली निवासी मोहम्मद ताहिर का कहना है कि सरकार का यह ऐतिहासिक कदम है। प्रतियोगी छात्र मनीष पाल का कहना है कि शहर के लोगों की पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। आरती सिंह का कहना है कि इस बार कुंभ के दौरान गंगा स्नान के साथ अक्षयवट दर्शन का पुण्य लाभ लोगों को मिल सकेगा। अर्चना सिंह, अंकित मिश्रा व दीपक निषाद ने कहा कि अक्षयवट दर्शन से लोगों की मनोकामना पूरी होगी।
पवित्र स्थलों में एक अक्षयवट
अक्षयवट संगम के निकट सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। यह बरगद का बहुत पुराना पेड़ है जो प्रलयकाल में भी नष्ट नहीं होता। सुरक्षा का हवाला देकर अक्षय वट का अभी तक दर्शन नहीं कराया जा रहा था। जहां अक्षयवट दर्शन कराया जाता है, उसे संतगण और विद्वतजन असली नहीं मानते। अक्षयवट की कथा है कि पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान ब्रह्मा ने यहां पर एक बहुत बड़ा यज्ञ किया था। वह स्वयं पुरोहित, भगवान विष्णु यजमान एवं भगवान शिव उस यज्ञ के देवता बने थे। तब अंत में तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति पुंज के द्वारा पृथ्वी के पाप बोझ को हल्का करने के लिए एक वृक्ष उत्पन्न किया। यह एक बरगद का वृक्ष था जिसे आज अक्षयवट के नाम से जाना जाता है, जो यह आज भी विद्यमान है।