रजनीकांत की आत्महत्या में मामले में आरोपियों को क्लीन चिट
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की जांच कमेटी ने छात्र रजनीकांत के आत्महत्या मामले में आरोपितों को क्लीन चिट दे दी है। साथ ही इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा छात्र रजनीकांत की आत्महत्या मामले में बनाई गई जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया और विश्वविद्यालय के आरोपी पदाधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई है।
पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी पांच बिंदुओं की जांच रिपोर्ट में कहा है कि विश्वविद्यालय के किसी भी पदाधिकारी के खिलाफ कोई ऐसे साक्ष्य नहीं मिले हैं जिससे पता चलता हो कि रजनीकांत को सुसाइड के लिए उकसाया गया। इसके अलावा 29 जनवरी 2019 को डीन स्टूडेंट वेलफेयर के दफ्तर से केपीयूसी छात्रावास में कक्ष आवंटन की कोई सूची नहीं जारी की गई। ऐसे में कोई कारण नहीं बनता है कि कोई छात्र कल्पना कर ले कि फलां छात्रावास में उसका नाम प्रवेश को आया है।
तीसरे बिंदु में जांचकर्ताओं ने यह तर्क दिया
इसके अलावा तीसरे बिंदु में जांचकर्ताओं ने तर्क दिया है कि ओबीसी वर्ग का छात्रावास में प्रवेश को 2018-2019 का कटऑफ 144 रहा। बीए के छात्र रजनीकांत यादव का अंक ओबीसी वर्ग में 93.57 अंक था। ऐसे में मेरिट के लिहाज से रजनीकांत का किसी भी छात्रावास में प्रवेश नहीं हो सकता था। चौथे प्वाइंट में विश्वविद्यालय ने कहा है कि कुछ तथाकथित छात्रनेता इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। इससे कैंपस का माहौल खराब हो रहा है, जबकि आगे परीक्षाएं हैं। पांचवें बिंदु में विश्वविद्यालय ने अपनी क्षमता के अनुरूप परिजनों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की बात कही है। जांच कमेटी में प्रो. राम सेवक दुबे, प्रो. आरके सिंह, प्रो. एसआइ रिजवी, प्रो. हर्ष कुमार व डॉ. आरके सिंह शामिल है।
20 लाख मुआवजा मांग रहे छात्र
रजनीकांत की न्याय के लिए आमरण अनशन पर बैठे रजनीकांत के परिजन और छात्रनेताओं ने 20 लाख रुपये मुआवजा की मांग की है। इसके अलावा सभी छात्रों को छात्रावास देने व जिन्हें न दे सकें उन्हें रूम रेंट देने की मांग की है। आमरण अनशन पर रजनीकांत की मां चंद्र देवी, पिता कैलाश यादव, शोध छात्रा नेहा यादव, उपाध्यक्ष अखिलेश यादव, शक्ति रजवार, सौरभ विश्वकर्मा, अजय पांडेय, अभिषेक आर्या, दुर्गेश प्रताप आदि रहे।