आकर्षक चौकियों ने सिविल लाइंस के रामदल की शोभा बढ़ाई Prayagraj News
शारदीय नवरात्र पर प्रयागराज में दशहरा मेला आकर्षक होता है। इसी क्रम में सिविल लाइंस का रामदल निकला। इसमें आकर्षक चौकियों ने लोगों का मन मोह लिया।
प्रयागराज, जेएनएन। आमजन में सिविल लाइंस का रामदल न होने का प्रचार कराने के बाद आखिर मेला समिति ने चंद घंटों पहले अपना निर्णय बदल दिया। आधी अधूरी तैयारी के बीच शुक्रवार की रात रामदल निकला तो उसमें अपेक्षाकृत रौनक कम रही। रोशनी और मेले में महिलाओं, बच्चों के लुत्फ उठाने के इंतजाम भी नाममात्र के रहे। फिलहाल हाथी पर सवार भगवान श्रीराम की सवारी और आठ कलात्मक चौकियों ने ही मेले में कुछ जान डाली। इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुरू हुआ रामदल सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर पर ले जाकर समाप्त कर दिया गया।
सांसद केशरी देवी व विधायक हर्षवर्धन समेत अधिकारियों ने किया शुभारंभ
शारदीय नवरात्र की षष्ठी पर हर साल सिविल लाइंस का रामदल निकलता है। इस बार जैसे-तैसे मेले का आयोजन हो सका। रात करीब 10 बजे सुभाष चौराहा पर फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल, शहर उत्तरी के विधायक हर्ष वर्धन वाजपेयी, डीआइजी केपी सिंह, जिलाधिकारी भानू चंद्र गोस्वामी और रामदल आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे, रघुनाथ द्विवेदी सहित कुछ अन्य मानिंद लोगों ने पूजन किया। इसके बाद रात करीब 11 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट से भगवान की सवारी निकली। हाथी पर रखे चांदी के हौदे पर सवार भगवान राम और लक्ष्मण ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सवारी निकलते ही श्रद्धालुओं ने जयश्री राम का घोष किया। राम की सवारी के आगे रामकथा और विभिन्न सामाजिक मुद्दों को दर्शाती हुई आठ चौकियां निकलीं। बैंड पार्टी ने भक्ति गीत बजाकर मेले की शोभा बढ़ाई।
अधूरी तैयारियों के बीच निकला सिविल लाइंस का रामदल
मेले के दौरान रोशनी काफी कम रही। इससे जितने भी लोग मेला देखने पहुंचे उन्हें फीकापन महसूस हुआ। हालांकि सिविल लाइंस में मेला आयोजित होने की जानकारी जैसे-जैसे शहर में फैली तो लोग जुटने लगे। रामदल निकलने का आसार लगने पर कई दुकानों ने चाइनीज फूड, चाट, चुरमुरा, चाऊमीन की दुकानें लगा ली थीं। कुछ झूले भी लग गए और खेल-खिलौने व गुब्बारे वालों ने मेले में पहुंचकर महिलाओं, बच्चों को राहत पहुंचाई। मेला समिति के अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे ने बताया कि जितना संभव हो सका, इंतजाम किया गया। राम दल और मेले को भव्यता देने की हर संभव कोशिश हुई। बताया कि मेले में कम लोग ही पहुंच सके इसलिए रामदल को हनुमान मंदिर पर ले जाकर मेले की समाप्ति कर दी गई।