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Kumbh mela 2019 : नगर अशोक सिंहल और सभागार महंत अवैद्यनाथ के नाम

कुंभ मेला 2019 में विहिप का शिविर रामजन्‍म भूमि आंदोलन के नायकों के नाम से बसाया गया है। इसमें नगर अशोक सिंहल और महंत अवैद्यनाथ के नाम से सभागार है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 05:04 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : नगर अशोक सिंहल और सभागार महंत अवैद्यनाथ के नाम

रवि उपाध्याय, कुंभ नगर : कुंभ के आयोजनों में रामजन्म भूमि का मसला हमेशा प्रमुखता से रहा है। इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले नायक अब दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी छाया इस बार दूसरे रूप में दिखेगी। विश्व हिंदू परिषद ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है। विहिप ने इसके संकेत अपने शिविर संरचना में दिया है। पूरा शिविर रामजन्म भूमि आंदोलन के नायकों के नाम पर रखा गया है। विहिप को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले अशोक सिंहल के नाम पर पूरा नगर बसाया गया है। जिस सभागार में धर्म संसद बैठेगी उसे महंत अवैद्यनाथ का नाम दिया गया है। संतों के निवास स्थान को महंत परमहंस दास शिविर बनाया गया है।

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अशोक सिंघल की अनुपस्थिति में प्रयागराज का पहला कुंभ

प्रयागराज का यह पहला कुंभ है जो विहिप के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ङ्क्षसहल की अनुपस्थिति में होने जा रहा है। पिछले कुंभ आयोजनों में अशोक ङ्क्षसहल, क्या कहने जा रहे हैं यह सभी के लिए उत्सुकता का विषय रहता था। उनकी आवाज से ही राम मंदिर आंदोलन को गति मिलती थी। संतों के बीच भी उनकी उपस्थिति प्रमुखता से रहती थी। विहिप ने इस बार अपने पूर्व नायक के नाम को आगे रखकर पूरे आयोजन को प्लान किया है।

पूर्व संतों व नायकों के नाम पर विहिप का 40 बीघे में शिविर

इस बार उन पूर्व संतों एवं नायकों के नाम पर सेक्टर 14 में विहिप का शिविर करीब 40 बीघे में बसाया गया है। शिविर के मुख्यद्वार पर विहिप के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ङ्क्षसहल, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ एवं रामजन्म मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष महंत रामचंद्र परमहंस के बड़े चित्र गेट पर लगाए गए हैं। पूरे शिविर को अशोक ङ्क्षसहल नगर का नाम दिया गया है। इसके अंदर छह उपनगर ओंकारनाथ भावे, ठाकुर गुरुजन ङ्क्षसह, मोहन ज्योति, रामफल, संत ज्ञानेश्वर एवं रामचंद्र परमहंस बनाए गए हैं।

रामचंद्र परमहंसदास नगर में संतों की कुटिया

रामचंद्र परमहंसदास नगर में संतों की कुटिया बनी है। नगर में तीन मार्ग महर्षि भारद्वाज, महर्षि वाल्मिकी एवं महर्षि वशिष्ठ के नाम से बनाए गए हैं। 91 कुटिया बनाई गई हैं। महंत अवैद्यनाथ के नाम पर बने सभागार में 5000 संतोंं के बैठने की व्यवस्था है। वैसे 2013 के कुंभ में विहिप ने इतना बड़ा आयोजन नहीं किया था।

2007 के कुंभ में विहिप का बड़ा कार्यक्रम हुआ था

2007 के कुंभ में विहिप का बड़ा कार्यक्रम हुआ था। तब कुंभ में बने शिविर को गुरु जी नगर का नाम दिया गया था। विहिप के शिविर में गुरुवार से गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अंबरीश ने बताया कि आज से प्रन्यासी मंडल की बैठक से इसकी शुरूआत हो रही है। इसमें करीब एक हजार प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें प्रांत अध्यक्ष संगठन मंत्री के साथ ही विदेश के न्यासी मंडल के सदस्य भी होंगे। 18 एवं 19 जनवरी को सभी प्रांतों की समितियां और विभाग समितियों की बैठक होगी।


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