'कला चौपाल' में लोककला एवं संस्कृति पर मंथन
एनसीजेडीसी के निदेशक इंद्रजीत गोवर ने बताया कि प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को आयोजित चौपाल थीम बेस्ड होगी। इसमें कला साहित्य और संस्कृति से जुड़े लोग शामिल होंगे।
प्रयागराज : कलात्मकता पर मंथन के लिए उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में इस माह से कला चौपाल का आयोजन किया जाएगा। कला एवं कलाकारों के बीच घटते संवाद के क्रम को कम करने एवं लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए ये पहल की गई है। केंद्र में में प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में चौपाल का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्थानीय और सुदूर स्थानों के लोक कलाकार, संगीतप्रेमी एवं विभिन्न स्तर के रचनाकार भी शामिल हो सकते हैं। मंथन में निकले तथ्यों को साकार रूप देने का प्रयास किया जाएगा। कला चौपाल शीर्षक से इसकी शुरूआत इसी माह की जा सकती है।
लोक कलाकारों के कौशल पर मंथन माह में एक दिन किया जाएगा। इसके बाद निकले निष्कर्ष पर आधारित गतिविधियों का आयोजन सेंटर में ही होगा। कला चौपाल में मुख्य रूप से कलाकारों के सम्मुख आ रही समस्याओं के कारण एवं निवारण पर चर्चा की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य उभरते हुए कलाकारों को कला एवं संस्कृति से जोड़कर उन्हें मंच प्रदान करना होगा। एनसीजेडीसी के निदेशक इंद्रजीत गोवर ने बताया कि प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को आयोजित चौपाल थीम बेस्ड होगी। इसमें कला साहित्य और संस्कृति से जुड़े लोग शामिल होंगे। खास बात ये होगी की इस संवाद में स्कूली और कालेज के छात्र-छात्राओं को भी शमिल किया जाएगा। विभिन्न बोर्ड एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का संवाद किसी प्रतिष्ठित कलाकार, संगीतकार या कला से जुड़े किसी व्यक्ति से होगा। शुरुआत में यह कार्यक्रम स्थानीय स्तर का होगा। जल्द ही इसमें केंद्र से जुड़े सभी सात राज्यों की कला-संस्कृति को जोड़ा जाएगा।