रंग लाने लगी बच्चों को मुफ्त में संग्रहालय दिखाने की योजना Prayagraj News
शंकरगढ़ और मेजा तहसील के साथ ही दूर-दूर के बच्चे इलाहाबाद संग्रहालय में आ रहे हैं। वह यहां रखे पुरावशेष व सांस्कृतिक विरासत से रूबरू हो रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में पढऩे वाले गरीब तबके और सामाजिक गतिविधियों से वंचित छात्र-छात्राओं को मुफ्त में इलाहाबाद संग्रहालय दिखाने की योजना रंग ला रही है। पिछले 10 दिनों में ही करछना, मेजा, जारी, शंकरगढ़ सहित जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से भी बच्चों का समूह शिक्षकों के साथ संग्रहालय आया। निदेशक डॉ. सुनील गुप्त ने कहा कि रहेगा।
संग्रहालय में योजना संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से चल रही है
संग्रहालय में यह योजना संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से चल रही है। इसमें परिषदीय स्कूल के बच्चों को बस या अन्य साधनों से इलाहाबाद संग्रहालय तक आने-जाने, टिकट, गाइड और नाश्ते की सुविधा मुफ्त में दी जा रही है। इस योजना का मूल उद्देश्य उन बच्चों को अपनी विरासत से अवगत कराना है जो संसाधन के अभाव में संग्रहालय तक नहीं पहुंच पाते। निदेशक ने कहा कि देश के गौरवशाली अतीत व समृद्ध कला संपदा को देखने और जानने का हक सभी को है। पिछले माह कौशांबी से भी बच्चों का समूह आया था।
छत्तीसगढ़ से आया छात्रों का दल
संग्रहालय में गुरुवार को सैनिक स्कूल अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) से छात्रों का एक दल पहुंचा। अध्यापकों के साथ यह दल प्रयागराज भ्रमण के लिए आया था। ऐतिहासिक स्थानों को देखने के बाद दल संग्रहालय पहुंचा। उन्हें सभी वीथिका में पुरावशेष दिखाए गए और उनके बारे में जानकारी दी गई। बच्चों में संग्रहालय में रखी वस्तुओं को देखने को कौतूहल था। ऐसी वस्तुओं को बच्चों ने देखा जिसके बारे में उन्होंने अध्यापकों या फिर परिवार के लोगों से सुन रखा था। बच्चों में रोमांच भी नजर आया।