12 प्रदेशों के बाल साहित्यकारों का हुआ मिलन तो दिखी दक्षता
प्रतापगढ़ जनपद में 12 प्रदेशों के बाल साहित्यकारों का जमावड़ा हुआ। आयोजन था राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी का। इसमें संस्कारिक साहित्य पर जोर दिया गया।
इलाहाबाद : बदलते दौर का प्रभाव बच्चों पर तेजी से पड़ रहा है। विज्ञान-तकनीक संग कदमताल करते बच्चों के मन और मस्तिष्क को समझकर, महसूस कर बाल साहित्य का लेखन होगा तो वह उपयोगी व कालजयी होगा। यह बात 12 प्रदेशों के बाल साहित्यकारों ने समवेत स्वर में कही। प्रतापगढ़ जिले में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी में जुटे बच्चों के रचनाकारों ने संस्कारित साहित्य पर भी बल दिया।
सृजना की ओर से शारदा संगीत महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के प्रमुख बाल साहित्यकार उदय किरौला ने कहा कि विज्ञान तथा उसके उपयोग, दुरुपयोग की जानकारी बाल साहित्य के जरिए बच्चों को देने की जरूरत है। इलाहाबाद के कथाकार विजय चितौरी ने कहा कि बच्चे तेजी से बदल रहे हैं, साहित्य को भी बदलना होगा। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डा. दयाराम मौर्य रत्न ने कहा कि बच्चों को सही दिशा देने की जिम्मेदारी बाल साहित्यकारों पर भी है। इसे गंभीरता से निभाया जाना चाहिए। इस मौके पर मुख्य अतिथि सदर विधायक संगम लाल गुप्त ने कहा कि बच्चे कल के नागरिक हैं, कवि इनको दिशा दें। सेनानी ट्रस्ट के अध्यक्ष शिव प्रकाश मिश्र सेनानी ने कहा कि बच्चों की सोच को महसूस कर लेखन समझदारी होगी। संचालन रामानुज पाल भ्रमर ने किया। इस मौके पर बाल कवि सम्मेलन में बच्चों ने कविताएं सुनाई। उनको सम्मान पत्र व अंग वस्त्रम प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। कई पुस्तकों का विमोचन किया गया। लखन प्रतापगढ़ी, समाज शेखर, शिक्षक अनूप कुमार पांडेय, राधेश्याम दीवाना, कार्टूनिस्ट ओम प्रकाश पंछी आदि मौजूद रहे।
इन्हें बाल साहित्य गौरव सम्मान :
डा. अशोक कुमार अशोक, अजय कुमार अजीब, आदित्य कुमार कटियार, आशा शैली, डा. आरबी शर्मा, राम दुलार ङ्क्षसह, चंद्रभान चंद्र, सुनील वाजपेयी, गौरी शंकर विनम्र, राजाभ गुप्ता, केसरी प्रसाद वृहद, डा. सलप नाथ यादव प्रेम, डा. थम्मनलाल वर्मा, बीडी ङ्क्षसह सत्यप्रिय, प्रदीप चित्रांशी, सत्यपाल ङ्क्षसह सजग, पुष्पा जोशी, प्रतिभा ङ्क्षसह।
साहित्य गौरव से नवाजा :
डा. वृंदावन त्रिपाठी रत्नेश, दिनेश चित्रेश, डा. रामबोध पांडेय, डा. राधे श्याम मौर्य, अनिल ङ्क्षसह शलभ आदि को साहित्य गौरव सम्मान मिला। लोक गौरव सम्मान से समाजसेवी रोशनलाल उमरवैश्य समेत शंकर लाल मजूर, डा. राकेश कनौजिया, राजीव कुमार आर्य, आनंद मोहन ओझा, राकेश कनौजिया, शील गहलौत नवाजे गए।