Move to Jagran APP

Chaitra Navratri 2021: बिना मास्क के भक्त नहीं कर सकेंगे मंदिर में प्रवेश, मंदिर प्रशासन का फैसला

Chaitra Navratri 2021 मंदिर के पुजारी उमाशंकर ने बताया कि नवरात्र को लेकर सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी है। सभी श्रद्धालुओं से अपील किया है कि वह मंदिर परिसर में मास्क लगा कर ही आएं। मास्क न होने की दशा में श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित होगा।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 04:24 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 04:24 PM (IST)
Chaitra Navratri 2021:  बिना मास्क के भक्त नहीं कर सकेंगे मंदिर में प्रवेश, मंदिर प्रशासन का फैसला
Chaitra Navratri 2021: मास्क न लगाकर आने की दशा में श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित होगा।

प्रयागराज, जेएनएन। जिले में मेजा के रामनगर स्थित मां शीतला धाम पर नवरात्र में भारी भीड़ लगती है। नवरात्र के पहले दिन से ही स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ दूर दराज के श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंच कर शीतला माता का पूजन अर्चन करते हैं। नवरात्र को लेकर मंदिर परिसर सहित आस पास साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं।

loksabha election banner

बता दें कि मां शीतला मंदिर का मेजा तहसील सहित आस पास के इलाकों में काफी महात्म्य है। यही कारण है कि नवरात्र सहित सावन के प्रत्येक सोमवार को मंदिर परिसर में काफी भीड़ जुटती है। मंदिर के पुजारी उमाशंकर ने बताया कि नवरात्र को लेकर सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी है। साथ ही सफाई से लेकर अन्‍य व्यवस्थाओं पर कार्य हो रहा है। कोरोना के चलते इस बार कोविड 19 के नियमों का पालन भी किया और आगे कराया जाएगा। जिसमें मंदिर परिसर में नियमित सैनिटाइजर का छिड़काव आदि किया जाएगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील किया है कि वह मंदिर परिसर में मास्क लगा कर ही आएं। मास्क न होने की दशा में श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित होगा।

नवरात्र की तैयारी में जुटे भक्त, की साफ-सफाई

नवाबगंज कस्बा स्थित श्रीरामजानकी मंदिर अति प्राचीन है। नवरात्र की तैयारी में अभी से भक्त जुट गए हैं। भगवान राम के जन्मोत्स्व की तैयारी में लोग मंदिर की साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन कर मंदिर को सजाया जा रहा है। मंदिर में प्रतिदिन भक्त विधिवत पूजा पाठ कर भोजन का प्रसाद उनको अर्पित करते हैं। प्रतिदिन शाम को पूजा-पाठ कर चंद्रामृत का भोग लगाकर भक्त संकीर्तन किया जाता है। प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र के पूर्व लोगों द्वारा मंदिर पर रंगाई पुताई कर विधिवत मंदिर को सजाया जाता है। चैत्र नवरात्र के नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम, जानकी, लक्ष्मण, आदिशक्ति दुर्गा, श्रीराधाकृष्ण, हनुमानजी की मूर्ति को स्नान कराने के पश्चात सभी देवी-देवताओं को कपड़ा पहनाया जाता है। पूजन के पश्चात उपस्थित भक्तों में प्रसाद का वितरण कर उन्हेंं फलाहार कराया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.