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सीबीएसई हाईस्कूल में एक फीसद बढ़ा इलाहाबाद परिक्षेत्र का रिजल्ट

सीबीएसई हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में देशभर में सफल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या पांच फीसद घटी लेकिन इलाहाबाद परिक्षेत्र बढ़ी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 03 Jun 2017 08:23 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jun 2017 10:35 PM (IST)
सीबीएसई हाईस्कूल में एक फीसद बढ़ा इलाहाबाद परिक्षेत्र का रिजल्ट

इलाहाबाद (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की हाईस्कूल परीक्षा 2017 का परिणाम शनिवार दोपहर में जारी हो गया। भले ही देशभर में सफल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या पांच फीसद तक घट गई हो लेकिन, इलाहाबाद परिक्षेत्र ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार करीब एक प्रतिशत रिजल्ट में हुए इजाफे से देशभर में इलाहाबाद रीजन तीसरे स्थान पर पहुंचा है। यह जरूर है कि क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से 10वीं के रिजल्ट में भी मीडिया को कोई सूचना नहीं दी गई। कार्यालय ने परिक्षेत्र के सफल परीक्षार्थियों (छात्र-छात्राओं) का प्रतिशत तक बताने से इन्कार किया है।

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तस्वीरों में देखें-यूपी में सीबीएसई नतीजों का उत्साह

इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के तहत आने वाले 60 जिलों के 1392 स्कूलों ने 10वीं की परीक्षा दी थी। परिक्षेत्र से इस साल 10वीं की परीक्षा में कुल एक लाख 76 हजार 336 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। इनमें से 64 हजार 262 परीक्षार्थी (42 हजार 291 छात्र, 21 हजार 971 छात्राएं व 246 प्राइवेट) बोर्ड आधारित परीक्षा के पंजीकृत थे, वहीं एक लाख 12 हजार 320 (74 हजार 700 छात्र व 37 हजार 620 छात्राओं) ने स्कूल आधारित परीक्षा का विकल्प चुना था। इनमें से 98.23 फीसद परीक्षार्थी सफल रहे हैं। इलाहाबाद परिक्षेत्र का रिजल्ट देश के ओवरऑल रिजल्ट 90.95 फीसद से करीब आठ फीसद अधिक है। ज्ञात हो कि 2016 की 10वीं परीक्षा में परिक्षेत्र का रिजल्ट 97.27 फीसद रहा है। इस बार के रिजल्ट में .96 यानी लगभग एक फीसद की बढ़ोतरी हुई है। सीबीएसई ने हाईस्कूल की परीक्षा नौ मार्च से 10 अप्रैल तक कराई गई थी। 2016 में 1248 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। 

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क्षेत्रीय कार्यालय के अफसरों ने फिर दिखाया ठेंगा 

सीबीएसई इंटरमीडिएट का रिजल्ट बीते रविवार को जारी हुआ। उसमें अफसरों ने मीडिया को वरीयता सूची नहीं दी। 10वीं के रिजल्ट में भी अफसरों ने मीडिया को कुछ भी सूचना देने से किनारा कर लिया। हालांकि हाईस्कूल में परीक्षार्थियों को अंक दिए जाने के बजाए ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने से टॉपर की सूची जारी नहीं होती है, लेकिन परिक्षेत्र में सफल होने वाले छात्र-छात्राओं का प्रतिशत और रीजन के कौन-कौन से जिले आगे रहे हैं। इसकी सूचना दी जाती रही है लेकिन, इस बार कुछ भी नहीं बताया गया। सीबीएसई की वेबसाइट पर 26 मई को जारी निर्देश का अनुपालन हो रहा है। जिसमें कहा गया कि रिजल्ट के लिए एनआइसी की वेबसाइट का सहारा लिया जाए, परिणाम के लिए बोर्ड या क्षेत्रीय कार्यालय लोग न जाएं।

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और चुपके से निकल गए

इलाहाबाद परिक्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी पीयूष शर्मा अपनी पत्नी का इलाज करा रहे हैं। वह लंबे समय से अवकाश पर हैं। सहायक सचिव विजय सिंह यादव यहां का कार्यभार संभाल रहे हैं। इंटर का परिणाम देते समय वह दिल्ली से समय पर फ्लाइट नहीं पकड़ सके। हाईस्कूल के रिजल्ट के समय वह शाम तक यह कहते रहे कि जैसे ही दिल्ली से सूचना मिलेगी, जानकारी दी जाएगी और ऐन मौके पर वह कार्यालय से चुपके से निकल गए। पिछले वर्षों में बोर्ड मुख्यालय क्षेत्रीय अधिकारी की ई-मेल पर और मुख्यालय आने वाले अफसर को परिक्षेत्र का पूरा रिजल्ट मुहैया कराता रहा है लेकिन, इस बार अफसरों ने रुचि नहीं दिखाई है।

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इस तरह जारी हुआ परिणाम 

वर्ष            प्रतिशत 

2013           99.17 

2014           99.31 

2015          97.59 

2016          97.27 

2017          98.23 

सीबीएसई के शिखर पर रहने के आसार 

सीबीएसई ने महज एक वर्ष के अंतराल पर ही यूपी बोर्ड से हिसाब बराबर कर लिया है। पिछले वर्ष यूपी बोर्ड ने परीक्षा कराने से लेकर परिणाम जारी करने तक में तत्परता दिखाई थी। इस बार उस भूमिका में सीबीएसई रहा है। इंटर का रिजल्ट देने के बाद हाईस्कूल का परिणाम भी जारी कर दिया गया है, जबकि यूपी बोर्ड एक सप्ताह बाद दोनों रिजल्ट एक साथ जारी करने का एलान कर चुका है। सीबीएसई के इंटर का परिणाम हो या फिर हाईस्कूल का रिजल्ट दोनों के घोषित प्रतिशत के इर्द-गिर्द यूपी बोर्ड का इस बार रहना मुश्किल नजर आ रहा है। हालांकि पिछले वर्षों तक रिजल्ट के प्रतिशत को लेकर दोनों की तुलना होती आ रही है। पिछले साल तो इंटर के रिजल्ट प्रतिशत में यूपी बोर्ड भारी पड़ा था, लेकिन इस बार यूपी बोर्ड का हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट प्रतिशत घटने के पूरे आसार हैं। ऐसे में सीबीएसई ही सफल परीक्षार्थियों के प्रतिशत में शिखर पर रहेगा। पिछले वर्ष सीबीएसई व यूपी बोर्ड के हाईस्कूल रिजल्ट प्रतिशत का फासला दस फीसद का था। इस बार यह और बढऩे की उम्मीद है। परीक्षार्थियों की संख्या के मामले में यूपी बोर्ड लगातार सिरमौर बना है। 


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