CBI ने खनन अधिकारी से अभिलेख किया तलब, यमुना घाटों पर अवैध बालू खनन मामला Prayagraj News
कौशांबी जनपद में यमुना के विभिन्न घाटों में अवैध खनन किया गया था। इसकी जांच के लिए सीबीआइ टीम ने डेरा डाला है। अनुमान है कि इस बार जांच को अंतिम रूप टीम देगी।
प्रयागराज, जेएनएन। यमुना घाटों पर हुए अवैध खनन की जांच करने के लिए सीबीआइ टीम ने बालू के अवैध खनन मामले में पड़ताल की। सीबीआइ टीम ने ओसा स्थित कांशीराम आवास में ठहर की जांच-पड़ताल की। इस दौरान खनन अधिकारी से पुराने दस्तावेज भी तलब किए गए। अफसरों की मानें तो टीम की जांच अंतिम दौर पर है।
14 यमुना घाटों पर 2012 से 16 के बीच हुआ था अवैध खनन
सपा शासन काल में जनपद के 14 यमुना घाटों में वर्ष 2012 से 16 के बीच हुए अवैध खनन किया गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रकरण की जांच सीबीआइ टीम कर रही है। वर्ष 2017 में जांच के लिए आए टीम के सदस्यों ने पूर्व खनन अधिकारी समेत आठ कारोबारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। इस बार जांच को अंतिम रूप देने के लिए टीम ने डेरा डाला है। इसी क्रम में टीम के सदस्यों ने खनन अधिकारी आरपी ङ्क्षसह ने अभिलेख तलब किया। इसके अलावा आधा दर्जन ट्रक मालिकों को बुलाकर पूछताछ की।
नहीं हुआ खनन तो कहां से मिले ओवरलोड वाहन
वर्ष 2017 में जांच के लिए आई सीबीआइ टीम से जिले के अफसरों से साफ कह दिया था कि यमुना घाटों पर अवैध खनन नहीं हुआ। वहीं जांच में टीम ने दूध का दूध व पानी का पानी कर दिया है। खनन व संभागीय परिवहन विभाग के अभिलेखों की जांच हुई तो वर्ष 2012 से 2016 के बीच चार हजार से अधिक बालू से ओवरलोड वाहनों के चालान के अभिलेख मिले। इस बार आए टीम के सदस्यों ने कौशांबी और प्रतापगढ़ के दो दर्जन से अधिक वाहन स्वामियों को बुलाकर पूछताछ की।