महंत नरेंद्र गिरि और सुसाइड नोट की राइटिंग का एक्सपर्ट से मिलान करा रही CBI
सीबीआइ टीम हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के जरिए महंत नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर का मिलान करवा रही है। अगर हस्ताक्षर में कोई फर्क मिलता तो उसके आधार पर टीम जांच की दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी। अब सब कुछ सुसाइड नोट की सच्चाई पर टिका है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमय हालात में मृत्यु के प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट उन्होंने ही लिखा या फिर उसे किसी और ने लिखकर वहां प्लांट किया ताकि इसे खुदकुशी की घटना समझकर जांच नहीं की जाए। मगर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा लिखाए जाने के साथ ही सुसाइड नोट पर भी लगातार सवाल उठाए गए हैं। महामंडलेश्वर कैलाशनंद समेत कई साधु संतों ने साफ कहा है कि यह सुसाइड नोट फर्जी है। नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते और न तो इतना लंबा 12 पन्ने का सुसाइड नोट वह लिख सकते थे।
अगर सुसाइड नोट फर्जी तो बदल जाएगी जांच की दिशा
तीन दिन से यहां जांच में जुटी सीबीआइ दिल्ली की टीम ने उस सुसाइड नोट को भी अपने कब्जे में लिया है, जो महंत नरेंद्र गिरि का बताया जा रहा है। मठ के लेटर पैड पर लिखे गए सुसाइड नोट को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे थे। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ टीम हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के जरिए महंत के हस्ताक्षर का मिलान करवा रही है। अगर हस्ताक्षर में कोई फर्क मिलता तो उसके आधार पर टीम जांच की दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी। हस्ताक्षर के साथ ही उन शब्दों का भी मिलान करवाया जा रहा है, जिनका उल्लेख एक से अधिक बार हुआ है। सुसाइड नोट की असलियत का पता लगाने के लिए राइटिंग एक्सपर्ट के साथ ही तकनीक की भी मदद ली जा रही है।
अब सीबीआइ की टीम में हुए 19 सदस्य
प्रयागराज : दिल्ली से आइ सीबीआइ की टीम में अब 19 सदस्य हो गए हैं। बताया गया है कि टीम में केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला, फील्ड यूनिट और विवेचना में माहिर अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। पूरी टीम का नेतृत्व आइजी विप्लव चौधरी कर रहे हैं, जबकि विवेचना की मुख्य जिम्मेदारी एएसपी केएस नेगी को सौंपी गई है। शुक्रवार को टीम के कुछ सदस्य आए थे। इसके बाद शनिवार को आइजी व दूसरे अधिकारी आए। देर रात फोरेंसिक टीम व अन्य विशेषज्ञ भी यहां पहुंचकर केस की छानबीन में जुट गए।