Cattle Run Over: रेल पटरियों पर मवेशी हादसे के आंकड़े चौंकाने वाले हैं..., NCR में हर दिन टकरा रहे 21 जानवर
Cattle Run Over एनसीआर की रेल पटरियों पर घूमते जानवर ट्रेनों के लिए खतरा बने हैं। ट्रेन से जानवरों की टकराने की घटनाएं दो वर्षों में तेजी के साथ बढ़ी हैं। रेलवे अपनी ट्रेनों की गति बढ़ा रहा है लेकिन कैटल रन ओवर के बढ़ती घटनाओं से चिंता बढ़ी है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आइए जानें कि रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के हादसों की वर्तमान में क्या स्थिति है। यहां उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) क्षेत्र में दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर ध्यान दें तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आती है। दो वर्ष में कैटल रन ओवर के हादसे बढ़ गए हैं। वर्तमान में आंकड़े क्या कहते हैं, आइए इस खबर के माध्यम से जानें।
मवेशी ट्रेन संचालन के लिए खतरा बने : रेल पटरियों पर खुलेआम घूमते जानवर ट्रेनों के लिए खतरा बन गए हैं। ट्रेन से जानवरों की टकराने की घटनाएं बीते दो वर्षों में तेजी के साथ बढ़ी हैं। रेलवे अपनी ट्रेनों की गति बढ़ा रहा है लेकिन, कैटल रन ओवर के बढ़ती घटनाओं से चिंता बढ़ी है। ऐसी दुर्घटना में ट्रेनों का संचालन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। घटनास्थल पर ट्रेनें रोकी जाती हैं और पीछे चलने वाली ट्रेनें भी प्रभावित होती हैं। उत्तर मध्य रेलवे के रेल रूट पर औसतन प्रतिदिन 21 जानवर ट्रेन से टकराते हैं।
कहां होती हैं ज्यादा घटनाएं : अलीगढ़, टूंडला, सिराथू, इटावा में रन कैटल की समस्या सर्वाधिक आती हैं। इसके अलावा पनकी, बुलंदशहर, बिंदकी, मुगलसराय, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, फिरोजाबाद, आगरा, उरई और झांसी में भी घटनाएं होती हैं।
क्या कहते हैं एनसीआर के सीपीआरओ : उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु शेखर उपाध्याय बोले कि रेल पटरियों पर जानवरों को आने से रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पटरियों के आस पास रहने वाले पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्रीवाल का निर्माण भी चल रहा है।