एचआरडी तक पहुंचा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में क्रेट धांधली का मामला Prayagraj News
300 में 199 अंक प्राप्त कर तीसरी रैंक हासिल की थी। इंटरव्यू में 15 में महज छह नंबर दिए गए। इंटरव्यू में पक्षपात होने के चलते कम अंक मिलने से प्रवेश नहीं मिला है।
प्रयागराज,जेएनएन। इविवि के वाणिज्य विभाग में क्रेट-2019 में धांधली की शिकायत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से की है। ई-मेल के अलावा पत्र भेजकर गड़बड़ी की शिकायत करते हुए प्रकरण में जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।
छात्र ने पत्र लिखकर मंत्रालय से धांधली की शिकायत की
पीसीबी हॉस्टल के अंत:वासी अभिषेक तिवारी ने पत्र में जिक्र किया कि क्रेट की लिखित परीक्षा में उसने 300 में 199 अंक प्राप्त कर तीसरी रैंक हासिल की थी। एक छात्रा को पांचवी रैंक मिली है। इंटरव्यू में 15 में महज छह नंबर दिए गए। इंटरव्यू में पक्षपात होने के चलते कम अंक मिलने से प्रवेश नहीं मिल सका।
इंटरव्यू में मनमानी नंबर देने का आरोप लगाया
अभिषेक का आरोप है कि लिखित परीक्षा में 112वीं एवं 119 वीं रैंक पाने वाले छात्रों को इंटरव्यू में मनमाने अंक देकर प्रवेश कर लिया गया। क्रेट के इंटरव्यू में एक सीट के सापेक्ष दो अभ्यर्थियों को बुलाना होता है। ऐसे में 55 सीट के सापेक्ष 110 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाना था लेकिन 119 को बुलाया। 119वें नंबर पर आने वाले के अंक कम होने के बावजूद इंटरव्यू में अधिक अंक देकर चयन कर लिया गया। यही नहीं इंटरव्यू पैनल में ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के प्रतिनिधि को भी शामिल नहीं किया गया। अभिषेक ने बताया कि वाणिज्य विभाग में क्रेट के प्रवेश में धांधली का प्रकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी लंबित है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारती है नैक : प्रो. देवेंद्र कावड़े
बदलते समय के साथ सभी को अपडेट होने की जरूरत है। देश की 60 फीसद जनसंख्या कृषि पर निर्भर है लेकिन कोई अभिभावक बच्चे को कृषि कार्य के लिए नहीं कहता। उच्च शिक्षा से जुड़े 82 फीसद लोग नौकरी को महत्व देते हैैं। ये बातें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के प्रमुख सलाहकार देंवेंद्र एस कावड़े ने सोमवार को प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के सरस्वती हाईटेक सिटी स्थित परिसर में तीन दिवसीय कार्यशाला के दौरान कहीं।
शिक्षक को हमेशा रचनात्मक होना चाहिए
प्रो. कावड़े ने नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि परंपरागत ऊर्जा संसाधन, सौर संयंत्रों का प्रयोग, वर्षा जल संचयन क्रिया विधि आदि को प्रत्येक महाविद्यालयों को अपनाना चाहिए। इससे बेहतर एवं उत्तरदायी समाज का निर्माण हो सकेगा। शिक्षक व सिस्टम का अनुकरण छात्र करते हैं। ऐसे में शिक्षक को हमेशा रचनात्मक होना चाहिए। विवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा महाविद्यालयों को नैक के मूल्यांकन के बारे में जानकारी होनी चाहिए। दूसरे सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. राजीव मनोहर ने नैक के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नैक ने शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता मूल्यांकन की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाते हुए सभी जानकारी को ऑनलाइन कर दिया है। उन्होंने बताया कि ग्रेडिंग न होने पर अनुदान रोकने की भी चेतावनी दी है।