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Carpet Industry : चीन और पाकिस्‍तान को मात देने की तैयारी, Prayagraj में लगेगा ऊन का प्रोसेसिंग प्‍लांट

भेड़ एवं ऊन विकास परियोजना के मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. भारत भूषण सिंह ने बताया कि प्रयागराज जिले में ही लगभग ढाई लाख भेड़ पालक इससे लाभान्वित होंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 01:51 PM (IST)
Carpet Industry : चीन और पाकिस्‍तान को मात देने की तैयारी, Prayagraj में लगेगा ऊन का प्रोसेसिंग प्‍लांट
Carpet Industry : चीन और पाकिस्‍तान को मात देने की तैयारी, Prayagraj में लगेगा ऊन का प्रोसेसिंग प्‍लांट

प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। चीन से आने वाले सिंथेटिक ऊन और पाकिस्तान के आयात होने वाले प्राकृतिक ऊन के दिन लदने वाले हैैं। इनके ऊन को प्रयागराज का ऊन मात देगा। कुछ वर्षों से कालीन उद्योग, गलैचा उद्योग व कंबल उद्योग में चीन के सिंथेटिक और सस्ते ऊन का ज्यादा प्रयोग होने लगा है। पाकिस्तान के प्राकृतिक ऊन का भी इसमें प्रयोग किया जाता है। अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रयागराज में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से लगने जा रहे ऊन प्रोसेसिंग प्लांट से तस्वीर बदल जाएगी।

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12 लाख किलो ऊन का उत्पादन हर साल होगा

स्थानीय ऊन इन देशों के ऊन से सस्ता होगा। स्थानीय उपलब्धता होने को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि कालीन, गलैचा व कंबल उद्योग में यहां का ऊन प्रयुक्त होगा। इस प्रोसेसिंग प्लांट से दो लाख किलो ऊन का उत्पादन प्रति वर्ष होगा। इसके लिए स्थानीय पालकों से भेड़ के बाल लिए जाएंगे। प्रोसेसिंग से तैयार ऊन खादी व ग्रामोद्योग विभाग को कंबल बनाने के लिए दिया जाएगा। इसे कालीन तथा गलैचा उद्योग को भी बेचा जाएगा, जिससे चीन से ऊन के मामले में उद्योगों की निर्भरता खत्म हो सके। इतना ही नहीं, प्रदेश के अन्य आठ जिलों में भी इसी तरह ऊन प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा, जहां लगभग 12 लाख किलो ऊन का उत्पादन हर साल होगा। 

एक नजर में जानें खास बातें

- 02 लाख किलो प्रति वर्ष ऊन का उत्पादन होगा प्रयागराज जिले में

- 08 अन्य जिलों में भी प्रयागराज की तरह लगेगा प्रोसेसिंग प्लांट

- 20 लाख किलो ऊन आयात होता है पूर्वांचल के उद्योगों के लिए।

शीघ्र प्लांट निर्माण शुरू हो जाएगा

उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई के अंतिम सप्ताह अथवा अगस्त के प्रथम सप्ताह से प्लांट निर्माण शुरू हो जाएगा। भेड़ एवं ऊन विकास परियोजना के मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. भारत भूषण सिंह ने बताया कि प्रयागराज जिले में ही लगभग ढाई लाख भेड़ पालक इससे लाभान्वित होंगे। उनके भेड़ के बाल मशीन से काटे जाएंगे और उसे प्लांट लाया जाएगा। इसमें अहम यह है कि ऊन के मामले में चीन और पाकिस्तान पर निर्भरता कम होगी।

बोले, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं कि भगवतपुर में ऊन प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के लिए जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों को निर्देश दिए गए हैैं। प्लांट से भेड़ पालकों को लाभ होगा। इसके ऊन को कंबल, गलैचा और कालीन बनाने के लिए दिया जाएगा।


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