इस 'दिल' का धड़कना अभी बाकी है..., प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में शो-पीस बना कार्डियक यूनिट, मरीज भगवान भरोसे
मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल परिसर में ह्रदय रोगियों के त्वरित इलाज के लिये कार्डियक यूनिट भवन बनकर तैयार है। यूनिट में लगने वाले सभी मेडिकल उपकरण सीएमओ की देखरेख में रखे हैं लेकिन भवन धूल फांक रहा है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। डबल इंजन वाली सरकार की इच्छा है जहां बीमार वहीं उपचार। लेकिन अफसरान की मनमर्जी पब्लिक को जीते जी मारने पर तुली है। मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल परिसर में ह्रदय रोगियों के त्वरित इलाज के लिये कार्डियक यूनिट भवन बनकर तैयार है। यूनिट में लगने वाले सभी मेडिकल उपकरण सीएमओ की देखरेख में रखे हैं लेकिन भवन धूल फांक रहा है और ह्रदय रोगियों को एसआरएन पहुंचने में बहुत देर हो चुकी होती है।
चार बेड का कार्डियक यूनिट लेकिन इलाज नहीं हो रहा शुरू
काल्विन अस्पताल में चार बेड की कार्डियक यूनिट पुराने शहर वासियों के लिये बड़ी सौगात हो सकती है। अब खानपान और लोगों की दिनचर्या ऐसी है की युवा और यहां तक कि बच्चे भी दिल के मरीज होने लगे हैं। ह्रदय रोग में तकलीफ बढ़ने या हार्ट अटैक अचानक होने पर फौरन इलाज की जरूरत होती है। एक एक्सपर्ट ह्रदय रोग विशेसज्ञ भी उपलब्ध होना चाहिये। काल्विन अस्पताल में यूनिट की शुरुआत में लेटलतीफी किसी की जान पर खतरा बन सकती है।
कोरोना संक्रमण के समय आ गए थे उपकरण
कार्डियक केयर उपकरण कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही सीएमओ दफ्तर को शासन से मिल गए थे। सबसे बड़ी लापरवाही कार्डियक भवन में बेड तक ऑक्सीजन सप्लाई न पहुंचाने की है। जबकि अस्पताल परिसर में इस भवन से 30 मीटर दूर पर ही आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगा है।
एक ही एक्सपर्ट उनका भी तबादला
काल्विन अस्पताल में डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव एक मात्र ह्रदय रोग विशेषज्ञ हैं जिन्हें ईको करने का भी प्रशिक्षण है। एक अन्य डॉक्टर भी हैं लेकिन वह प्रशिक्षित नहीं हैं। शासन ने डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव का तबादला कर दिया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर नानक सरन का कहना है कि कार्डियक यूनिट जल्दी शुरू कराएंगे। कुछ तकनीकी अड़चन है, बेड तक ऑक्सीजन भी पहुंचाने के अतिशीघ्र प्रयास करेंगे।