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Coronavirus effect : केंद्रीय कारागार नैनी से बंदी घरवालों से फ्री में कर सकते हैं बात

बात कराने से पहले बंदी रक्षक इस बात की तस्दीक कर लेते हैं कि जहां फोन मिलाया गया है वह बंदी के स्वजन ही है। इसके अलावा उनकी बातों को भी सुनकर तस्दीक की जाती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 05:51 PM (IST)
Coronavirus effect : केंद्रीय कारागार नैनी से बंदी घरवालों से फ्री में कर सकते हैं बात
Coronavirus effect : केंद्रीय कारागार नैनी से बंदी घरवालों से फ्री में कर सकते हैं बात

प्रयागराज, जेएनएन। केंद्रीय कारागार के महिला जेल समेत सभी सर्किलों में निश्शुल्क पीसीओ स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण काल में मुलाकात बंद है। ऐसे में बंदियों में परिवार से मुलाकात न होने पर अवसाद की स्थिति न उत्पन्न हो, इसे देखते हुए जेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। बंदी मुफ्त में अपने स्वजन से बात कर सकेंगे। बातचीत करने की अवधि पांच मिनट निर्धारित की गई है।

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सप्‍ताह में एक बार बंदी घरवालों से कर सकते हैं बात

एक सप्ताह पहले तक जेल में एक ही पीसीओ काम करता था। अधिकांश बंदी अपने स्वजनों से बात करने से वंचित रह जाते थे। बंदियों की इस परेशानी को देखते हुए जेल प्रशासन ने अब महिला बैरक समेत सभी सर्किलों में पीसीओ की स्थापना की है। पीसीओ के रूप में यूज़ किया जा रहे मोबाइल की जिम्मेदारी सर्किल प्रभारी डिप्टी जेलर को दी गई है। प्रतिदिन एक सर्किल के सौ बंदी दिन भर में बात करते हैं। प्रत्येक बंदियों को रोटेशन में एक सप्ताह बाद उनका नंबर लगता है।

बात कराने से पहले होती है नंबर की जांच

बात कराने से पहले बंदी रक्षक इस बात की तस्दीक कर लेते हैं कि जहां फोन मिलाया गया है वह बंदी के स्वजन ही है। इसके अलावा उनकी बातों को भी सुनकर तस्दीक की जाती है। इन दिनों जेल में करीब चार हजार बंदी है। प्रतिदिन सात सौ बंदियों की बात अपने परिजनों से हो रही है। सप्ताह भर के रोटेशन के बाद दोबारा बारी के इंतजार में बंदी आस लगाए रहते हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडे ने बताया कि बंदियों की उनके स्वजनों से समय-समय पर बात हो जाती है तो वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। बंदियों की इस परेशानी को देखते हुए सभी सर्किलों में निश्शुल्क बात करने की व्यवस्था कराई गई है।

खास बातें

05 सर्किल, महिला बैरक व अस्थायी सर्किल में लगे निश्शुल्क पीसीओ

07 सौ बंदियों की रोज होती है अपने स्वजन से फोन पर बातचीत

05 मिनट ही अपने स्वजनों से बात कर सकते हैैं बंदी

04 हजार बंदी हैं मौजूदा समय में केंद्रीय कारागार में


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