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Education News: ​​​​​डीएलएड से होता जा रहा है अभ्यर्थियों का मोहभंग, सीटें भरना भी हो गया मुश्किल

प्रवेश के लिए आवेदन की स्थिति यह है कि सभी आवेदकों को दाखिला दे दिया जाए तब भी सीटें भरना मुश्किल हैैं। 2020 के सत्र में कोरोना के चलते आवेदन नहीं लिए गए। इससे पहले 2019 के सत्र में 69515 और 2018 में भी 76929 सीटें रिक्त रह गई थीं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 12:35 PM (IST)
15 दिन में दाखिला का आंकड़ा महज 50 हजार और अब सिर्फ एक हफ्ता बाकी

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों के आवेदन करने की रफ्तार बेहद धीमी है। 20 जुलाई से आवेदन लिए जा रहे हैैं और अब तक मुश्किल से 50 हजार का आकड़ा पार हो सका है। प्रदेश में करीब 2,40,200 सीटों के लिए 10 अगस्त तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इस तरह शेष बचे करीब एक सप्ताह में सीटों के मुताबिक आवेदन आना मुश्किल है। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते प्रवेश नहीं हुआ था। उसके पहले के दो वर्षों की भी स्थिति चिंताजनक ही रही है।

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अभ्यर्थियों का झुकाव बीएड की ओर होना भी एक कारण

डीएलएड-2021 में प्रवेश के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने विज्ञापन जारी कर अभ्यर्थियों से आनलाइन आवेदन मांगे। जिन संस्थाओं में प्रवेश दिया जाएगा, उनमें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, सीटीई वाराणसी तथा एनसीटीई से मान्यता के बाद संबद्ध निजी डीएलएड प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैैं। अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाना है। प्रवेश के लिए आवेदन की स्थिति यह है कि अगर सभी आवेदकों को दाखिला दे दिया जाए, तब भी सीटें भरना मुश्किल हैैं। यह स्थिति इसी साल नहीं है। 2020 के सत्र में कोरोना के चलते आवेदन नहीं लिए गए। इससे पहले 2019 के सत्र में 69,515 और 2018 में भी 76,929 सीटें रिक्त रह गई थीं। अब देखना है कि अंतिम तिथि में शेष बचे एक सप्ताह में कितने आवेदन और होते हैैं। इस साल के लिए अब तक कम आवेदन को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय का मानना है कि इसका प्रमुख कारण कोरोना महामारी के चलते विश्वविद्यालयों का रिजल्ट प्रभावित होना है। इसके साथ ही अभ्यर्थियों का झुकाव बीएड की ओर होना भी एक कारण है।

महिला आयोग से रजिस्ट्रार की शिकायत

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की गई है। इस आशय का ज्ञापन छात्रों ने डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह को सौंपा है। इसके अलावा राष्ट्रपति, राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र भेजकर उन्हें पदमुक्त करने की मांग की गई है। छात्रनेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर अनशनरत छात्रों ने पत्र में बताया कि आयोग की अध्यक्ष ने 13 फरवरी 2020 को रजिस्ट्रार को पद से हटाने की संस्तुति की थी। इसके बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस दौरान अखिलेश गुप्ता, नवनीत यादव, मसूद अंसारी, सुजीत मल्ल, धीरज सरोज, राहुल पटेल आदि उपस्थित रहे।


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