कैबिनेट मंत्री ने हादसे में मृत युवक के परिजनों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया, तब उठा शव Prayagraj News
हादसे में मारे गए युवक का शव रख लोगों ने रास्ताजाम किया। मौके पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री मोती सिंह द्वारा आर्थिक मदद व आवास दिलाने का आश्वासन के बाद स्वजनों ने पुलिस को शव सौंपा।
प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के रोही पट्टीगांव में रविवार को सड़क हादसे में युवक की मौत हो गई थी। ट्रैक्टर की चपेट में आने से बाइक सवार के साथ हादस हुआ था। वहीं दुर्घटना के बाद वाहन लेकर चालक फरार हो गया था। आक्रोशित लोगों ने शव रख रास्ताजाम कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस को शव देने से इंकार कर दिया। पुलिस के समझाने पर भी बात नहीं बनी। युवक के स्वजन कैबिनेट मंत्री मोती सिंह को बुलाने की मांग कर रहे थे। देर शाम को कैबिनेट मंत्री मौके पर पहुंचे। उन्होंने एसडीएम पट्टी से बातचीत की फिर 5 लाख 30 हजार रुपये शासन से आर्थिक मदद व आवास देने के लिए वीडीयो को निर्देशित किया। आश्वासन मिलने के बाद पुलिस को शव सौंपा गया।
ट्रैक्टर ने बाइक सवार युवक को रौंद दिया था
आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के रौजा गांव निवासी सभाजीत शर्मा 45 की ढकवा बाजार में बारबर शॉप (बाल काटने की दुकान) है। रविवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे वह बाइक पर सवार होकर घर से दुकान जा रहा था। रोही पट्टीगांव के समीप अनियंत्रित ट्रैक्टर उधर से निकला। ट्रैक्टर की चपेट में बाइक आ गई और सभाजीत गंभीर रूप से जख्मी हो गया। आसपास के लोग उधर दौड़े लेकिन तब तक ट्रैक्टर लेकर चालक फरार हो चुका था। सभाजीत को तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आक्रोशित लोगों ने रास्ताजाम किया
हादसे की जानकारी मिलने पर बिलखते हुए परिजन ग्रामीणों के साथ वहां पहुंचे। इसी बीच सूचना पर 112 पुलिस फिर आसपुर देवसरा थाने की पुलिस भी पहुंची। तब तक वहां सैकड़ों की भीड़ जुट चुकी थी। एसआइ बब्बन को ग्रामीणों ने शव देने से इंकार कर दिया। साथ ही मार्ग पर शव रखकर रास्ताजाम कर दिया। पुलिस के समझाने पर लोग माने लेकिन कुछ देर बाद फिर रास्ताजाम कर दिया। सभाजीत के स्वजनों की मांग है कि टैक्टर चालक को गिरफ्तार किया जाए। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाए। सूचना पर हमराहियों संग एसओ सुनील कुमार सिंह पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन नहीं माने। बाद में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह वहां पहुंचे और स्वजनों को आर्थिक मदद व आवास का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ।