रेलवे अफसर के जरिए कारोबारी करते थे सोने की खरीद-फरोख्त, सीबीआइ को उनकी तलाश Prayagraj News
सीबीआ टीम जांच के बाद प्रयागराज से लौट गई है। स्पीड पोस्ट से सीबीआइ ने वाणिज्यकर विभाग को पत्र भेजा है। जवाब मिलने के बाद अगले सप्ताह सीबीआइ टीम फिर जांच करने आएगी।
प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। फर्जी फर्मों के नाम पर करोड़ों का गोलमाल करने वाले शहर के जिन पांच सराफा कारोबारियों की छानबीन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) कर रही है वह पुराने सोने की खरीद-फरोख्त रेलवे के एक अफसर के जरिए करते थे। मामला प्रकाश में आने के बाद उस रेलवे अफसर को सेवा से निकाल दिया गया था। मामले में वाणिज्यकर से अब और इनपुुट जुटाते हुए सीबीआइ ने जांच आगे बढ़ाई है।
करोड़ों का गोलमाल करने वाली पांचों फर्म अचानक गायब हो गईं
वर्ष 2011 से शहर की पांच फर्में फर्जी तरीके से पुराना सोना खरीदने-बेचने के धंधे में शामिल थीं। सभी फर्मों का पंजीयन नैनी के पते पर था लेकिन संचालन चौक और कटरा क्षेत्रों से होता था। 2013 से 2017 के बीच सभी फर्में एकाएक गुम हो गईं। चूंकि, इन फर्मों के संचालक अपना धंधा रेलवे के एक मध्यम क्लास अफसर के मार्फत करते थे, इसलिए सीबीआइ ने करीब एक वर्ष पहले संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू की।
सुराग लगाने प्रयागराज पहुंचकर सीबीआइ टीम पहुंची
पहले सीबीआइ टीम दिल्ली से प्रकरण की जांच कर रही थी लेकिन कारोबारियों के बारे में कोई सुराग न लग पाने से इस माह के शुरू में यहां पहुंची। कुछ दिन टीम ने संचालकों द्वारा छपवाए पर्चों के जरिए उनकी खोजबीन की, फिर वाणिज्यकर विभाग की मदद लिया। पिछले सोमवार को टीम ने वाणिज्यकर विभाग पहुंचकर डिप्टी कमिश्नर (प्रशासन) अरुण कुमार गौतम से नाम, पता, टिन नंबर आदि के जरिए उन कारोबारियों का सजरा पता कराने को कहा। डिप्टी कमिश्नर ने लिखित पत्र देने का सुझाव दिया था।
सीबीआइ ने स्पीड पोस्ट से वाणिज्यकर विभाग को पत्र भेजा
बहरहाल, टीम 15 जनवरी को दिल्ली वापस लौट गई और शुक्रवार की शाम को स्पीड पोस्ट से वाणिज्यकर विभाग को लिखित पत्र भेजा। सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि इन कारोबारियों ने रेलवे के अफसर के जरिए वर्ष 2011 से 2012 तक सोने की खरीद-फरोख्त की थी। वाणिज्यकर विभाग से अपेक्षित जानकारी मिलने पर अगले सप्ताह तक टीम फिर आएगी।
बोले वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर
वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन एके राय कहते हैं कि डीसी प्रशासन को पत्र मिलते ही सभी खंडों से सूचनाएं एकत्रित करके सीबीआइ को विवरण उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।