Lockdown : सराफा कारोबारी व्यवसाय के लिए चाहते हैं रियायत, सरकार से मांगी आर्थिक मदद Prayagraj News
कारोबार में रियायत देने के साथ ही सराफा कारोबारी बिजली का बिल माफ करने आयकर जीएसटी समेत अन्य टैक्स में छूट देने एवं कारीगरों को आर्थिक मदद की सरकार से मांग की है।
प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन से लगभग हर सेक्टर का कारोबार ठप है। इससे व्यापारियों की आमदनी भी बंद है, लेकिन उन्हें अपने कर्मचारियों का वेतन, कामर्शियल बिजली का बिल, लोन की किश्त, दुकान का किराया, आयकर, जीएसटी एवं अन्य टैक्स देने हैं। दुकानें बंद करके कारोबारी इन देनदारियों को अपने बूते पर कब तक दे सकेगा। ऐसी दशा में कारोबार में रियायत देने के साथ ही सराफा कारोबारी बिजली का बिल माफ करने, आयकर, जीएसटी समेत अन्य टैक्स में छूट देने एवं कारीगरों को आॢथक मदद मुहैया कराने की मांग सरकार से कर रहे हैं। सराफा कारोबारियों ने दैनिक जागरण से ऑनलाइन अपनी बातें साझा कीं।
आयकर और जीएसटी में मिले छूट
लक्ष्मी ज्वेलर्स के प्रोपराइटर ललित मोहन गुप्ता का कहना है कि करीब डेढ़ महीने से आमदनी एकदम ठप है। बिजली का बिल, हाउस व वॉटर टैक्स, दुकान का किराया, कर्मचारियों का वेतन व्यापारियों को देना ही है। व्यापारी दुकान बंद करके इतने सारे खर्च कैसे उठा सकता है। हम सरकार को 30 फीसद आयकर देते हैं, जीएसटी देते हैं। आयकर और जीएसटी में छूट दी जाए।
कारोबारियों और कारीगरों को दी जाए सहूलियत
भगतराम जय नारायण ज्वेलर्स के पार्टनर राहुल महेंद्रा ने बताया कि मार्च में ही कुछ व्यापार हुआ था। अप्रैल में कुछ व्यापार नहीं हुआ। 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। फिर भी कर्मचारियों का वेतन, कामर्शियल बिजली का बिल और टैक्स व्यापारियों को देना है। कारीगर बहुत मुश्किल में हैं। उन्हें खाने के लाले पड़ गए हैं। सरकार को चाहिए कि कारोबारियों और कारीगरों को सहूलियत प्रदान करे।
सराफा व्यापार चलाने की सरकार दे अनुमति
पीसी ज्वेलर्स के स्टोर इंचार्ज ऋतुराज सिंह का कहना है कि ज्वेलरी व्यापार में आज जिस परिस्थिति का सामना व्यापारियों को करना पड़ रहा है। उससे वहां काम कर रहे लोगों की स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है। हम सभी कर्मचारियों का जीवन इस व्यापार से चलता है और यदि यह व्यापार ही नहीं होगा तो हम सब किस तरह घर चला सकेंगे। इसलिए सरकार हमें भी व्यापार करने की अनुमति दे और मदद करे।
ईएमआइ के ब्याज में छूट और बिजली का बिल माफ हो
सिसोदिया जेम्स एंड ज्वेलर्स के प्रोपराइटर उत्कर्ष सिंह का कहना है कि लॉकडाउन से ही शॉप बंद है। आगे कब तक खुलेगी अभी कुछ कह पाना मुश्किल है। अपने स्तर पर ही कर्मचारियों का वेतन, बिजली का बिल, लोन की ईएमआइ व्यापारियों को देना ही है। इसलिए सरकार को चाहिए कि ईएमआइ के ब्याज में छूट दे, बिजली का बिल माफ करे। कुछ रियायत देनी चाहिए, जिससे लोगों को सहूलियत हो।
चौपट हो चुका है सराफा व्यवसाय
प्रयाग सराफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सोनी का कहना है कि सराफा व्यवसाय चौपट हो चुका है। शादियां निरस्त हो चुकी हैं। इससे सराफा कारोबार को करीब 300-400 करोड़ का नुकसान हुआ है। कारीगर टूट चुका है। उसके सामने खाने की समस्या हो गई है। लॉकडाउन बढऩे का स्वागत है, लेकिन सरकार हमारी समस्या पर ध्यान दे। बिजली का बिल, दुकान का किराया, ईएमआइ की ब्याज में छूट दे।
ढाई-तीन सौ करोड़ का हो चुका नुकसान
प्रयाग सराफा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष रामजी रस्तोगी का कहना है कि लॉकडाउन से अब तक करीब ढाई-तीन सौ करोड़ रुपये कारोबार का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा परेशानी कारीगरों की है। जो 400-500 रुपये कमाकर परिवार चलाते थे। बंदी से उनके सामने परिवार का खर्च चलाना कठिन है। हम लोग सरकार के साथ हैंं, लेकिन संभव हो सके तो 17 मई के बाद व्यापार शुरू करने की छूट दी जाए।