रॉयल्टी की वसूली पर रोक न लगने से ईंट-भट्ठा मालिक मुखर
रायल्टी की वसूली पर सरकार से ईंट भट़टा मालिकों ने मांग की है। इस संबंध में झूंसी में उप्र ईंट निर्माता समिति की बैठक हुई, जिसमें 24 सितंबर को लखनऊ में प्रदर्शन कर पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया।
इलाहाबाद : उप्र ईंट निर्माता समिति की अंदावा के एक गेस्ट हाउस में बैठक आयोजित हुई। इसमें एक स्वर में रायल्टी की वसूली पर सरकार से रोक लगाने की मांग की गई। बैठक में मुख्य अतिथि समिति के महामंत्री अतुल कुमार ने कहा कि आए दिन ईंट-भट्ठे की नई डिजाइन, पर्यावरण एवं प्रदूषण तथा खनन विभाग की ओर से नई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इससे ईंट-भट्टा मालिकों की परेशानी बढ़ रही है। उन्होंने कहा सरकार बड़े उद्योगपतियों को इस पेशे में लाकर छोटे उद्यमियों को समाप्त करना चाहती है। सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो इस नीति के खिलाफ प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
विशिष्ट अतिथि समिति के कोषाध्यक्ष प्रताप बहादुर ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि ईंट मिट्टी रॉयल्टी समाप्त करने की घोषणा के बावजूद वसूली पर रोक नहीं लगी। उसे तत्काल रोका जाए। साथ ही रॉयल्टी पर जीएसटी की देयता समाप्त करना, फ्लैश ईंटों को जबरन थोपने पर भी सरकार को विचार करना होगा। इलाहाबाद मंडल के जिला महामंत्री प्रीतम सिंह ने कहा इस पेशे में करीब एक करोड़ लोग जुड़े हैं। लघु उद्योग के इस पेशे को गरीब लोगों से छीनकर बड़े उद्योगपतियों को यह धंधा सरकार देना चाहती है। इससे गरीबों का शोषण होगा। अरविंद सिंह ने कहा कि इससे पूर्व की सरकार ने लोहे की चिमनी को हटाकर पक्की चिमनी का निर्माण के लिए आदेशित किया। भट्टा मालिकों ने पांच साल में इसे पूरा कर दिखाया।
इस मौके पर चंद्रशेखर सिंह, योगेश दुबे, अरविंद सिंह, डॉ. प्रेमचंद्र ङ्क्षसह, अबरार अहमद, जयप्रकाश केसरवानी आदि ने भी एक स्वर में रायल्टी की वसूली पर रोक लगाने की मांग की।