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'मोदक' गौरी पुत्र गणेश का प्रिय भोज्य पदार्थ, भक्त खुद ही बनाते हैं इसे Prayagraj News

गणेश पूजन का उत्‍सव हो और मोदक की बात न उठे तो कुछ अधूरा सा लगता है। जी हां मोदक को महाराष्‍ट्र के ब्राह्मण परिवार बनाते हैं। इसके बनाने की विधि भी अलग ही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 10:29 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 10:29 AM (IST)
'मोदक' गौरी पुत्र गणेश का प्रिय भोज्य पदार्थ, भक्त खुद ही बनाते हैं इसे  Prayagraj News
'मोदक' गौरी पुत्र गणेश का प्रिय भोज्य पदार्थ, भक्त खुद ही बनाते हैं इसे Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पौराणिक कथाएं बताती हैं कि प्रत्येक देवी-देवताओं के प्रिय भोज्य पदार्थ अलग-अलग हैं। इनमें गौरी पुत्र गणेश को अर्पित होने वाले प्रसाद में 'मोदक' का भोग सबसे अहम है। मिष्ठानों में मोदक ही ऐसा है जो प्रयागराज में मिठाई की किसी दुकान पर नहीं मिलता। महाराष्ट्र के ब्राह्मण परिवारों की आस्था ऐसी है कि प्रथम आराध्य को प्रसन्न करने के लिए मोदक खुद ही बनाते और अर्पित करते हैं।

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ऐसे बनता है मोदक जिसे महाराष्ट्र के ब्राह्मण तन्मयता से बनाते हैं

मोदक को महाराष्ट्र के ब्राह्मण बड़ी तन्मयता से बनाते हैं। लगभग सभी परिवारों में गणेशोत्सव पर मोदक बनाने का रिवाज है। मोदक, दरअसल गुझिया का ही दूसरा रूप है, जिसे मेवे सहित पांच खाद्य पदार्थों के मिश्रण से बनाया जाता है। जानकार बताते हैं कि पोस्तादाना, सूखी गरी, चिरौंजी और काजू या बादाम तथा चीनी का मिश्रण तैयार करते हैं। मैदे के छोटे आकार की पूड़ी बेल कर उसमें मिश्रण रखकर गोल लुगदी बनाई जाती है। इसे अपनी क्षमता के अनुसार घी या रिफाइंड में तल कर उसे ठंडा होने तक रखा जाता है। इसी को मोदक कहते हैं। आम लोगों में इसका प्रचलन कम होने के चलते यह प्रसाद अपना दायरा सीमित ही रख पाया है।

इस सामग्री का भी होता है इस्तेमाल

मोदक के मिश्रण में लोग अपनी पसंद के अनुसार सामग्री मिलाते हैं। इनमें बेसन, मलाई या सूजी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रयागराज में मोदक का प्रचलन कम ही है

सतीश पुराणिक, अजय भालचंद्र खेर सहित कुछ अन्य लोग बताते हैं कि मोदक का जबर्दस्त प्रचलन महाराष्ट्र में है। मुंबई में गणेशोत्सव के दिनों में दुकानों पर इसकी भरमार रहती है। वहीं प्रयागराज में इसका प्रचलन कम है। बताया कि अपनी क्षमता के अनुसार लोग 11, 21, 51 या 108 मोदक का भोग श्रीगणेश को लगाते हैं।


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