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बीपीसीएल का ओएनजीसी में विलय कराएंगे Prayagraj News

भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को बीपीसीएल कंपनी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन के साथ कंपनी की समस्या को सुलझाने के लिए समीक्षा बैठक की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:59 PM (IST)
बीपीसीएल का ओएनजीसी में विलय कराएंगे Prayagraj News

 प्रयागराज,जेएनएन : केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत पंप एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड प्रदेश की सबसे प्राइम कंपनी बनेगी। इस कंपनी की सारी समस्याएं जल्द से जल्द दूर होगी। कंपनी का ओएनजीसी के साथ विलय कराने के प्रति वह पूरी तरह से संकल्पित है। इसके लिए वह जल्द ही पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर वार्ता करेंगे। कहा कि बीपीसीएल को विनिवेश प्रक्रिया से बाहर कर चलाया जाएगा। इसमें जो भी बाधा आएगी उसका वह समाधान कराएंगे। कहा कि बीपीसीएल का जल्द से जल्द उद्धार किया जाएगा।

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भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को बीपीसीएल कंपनी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन के साथ कंपनी की समस्या को सुलझाने के लिए समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रबंधन को कंपनी का हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिया। भारी बरसात के बावजूद कर्मचारियों ने मंत्री का जोरदार स्वागत किया। वह दोपहर में करीब डेढ़ बजे पहुंचे थे। उनके साथ सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी भी थीं। उन्होंने कंपनी के वर्कशाप भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वहां लगीं मशीनों और काम करने के कल्चर की जानकारी ली। उत्पादन क्षमता के बारे में पूछताछ की। कर्मचारियों ने उन्हें मशीन चलाकर उसके संचालन के विषय में बताया। निरीक्षण के बाद जब वे प्रशासनिक भवन में पहुंचे तो केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया। फिर सभागार कक्ष में पहुंच गए, जहां प्रबंधन के साथ करीब तीन घंटे तक बैठक की। बैठक में मुख्य महाप्रबंधक रतन प्रकाश ने कंपनी की सारी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। प्रबंधन ने बताया कि कंपनी को सबसे अधिक वर्क आर्डर ओएनजीसी से मिलता है। कंपनी को अगर ओएनजीसी में विलय करा दिया जाए तो इसका कायाकल्प हो जाएगा। या कोई ऐसा आदेश हो जाए कि ओएनजीसी निजी कंपनियों को वर्क आर्डर न देकर केवल बीपीसीएल को ही वर्कआर्डर दे तो कंपनी का उद्धार हो जायेगा। साथ ही यहां से सेवा निवृत्त हो चुके 247 कर्मचारियों का करीब 70 करोड़ रुपये बकाया है। इसके भुगतान के लिए भी प्रबंधन ने चर्चा की। कर्मचारियों और अधिकारियों की बातें सुनने के बाद भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि कंपनी की समस्याएं शीघ्र ही दूर की जायेगी। मुख्य महा प्रबंधक रतन प्रकाश ने पत्रकारों को बताया कि भारी उद्योग राज्य मंत्री के आश्वासन के बाद कर्मचारियों में जबरदस्त जोश है। प्रबंधन जल्द ही अपने ग्राहकों की एक बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर बातचीत करेगी। बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक सुनील परवानी, मुख्य महाप्रबंधक रतन प्रकाश, इंद्रसेन सिंह, यूनियन के अध्यक्ष श्रीराम यादव, महामंत्री आरएलडी दुबे आदि शामिल रहे।


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