विद्युत विभाग ने बिलिंग एजेंसी तो बदल दी लेकिन कर्मचारी वही पुराने ही
विद्युत विभाग ने एजेंसी तो बदल दी लेकिन कर्मी वही हैं। इससे मीटर रीडर कर्मचारी ठीक से नहीं कर रहे हैं, जिससे गड़बडिय़ां आ रही हैं।
प्रयागराज : विद्युत विभाग ने जिस मकसद से बिलिंग एजेंसी का बदलाव किया वह पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। मीटर रीडिंग कार्य में पहले से लगे कर्मचारियों को न बदला जाना इसके पीछे कारण माना जा रहा है। एक ही जगह वर्षों से तैनात मीटर रीडर, उपभोक्ताओं से साठगांठ करके गड़बड़ी करते हैं, जिससे विभाग को भारी-भरकम चूना लगता है। निदेशक वाणिज्य ओपी दीक्षित ने कर्मचारियों का ट्रांसफार्मर करने के निर्देश दिए हैं।
एजेंसी के कार्य से विभागीय अधिकारी असंतुष्ट
विभाग ने पहले बिजली उपभोग के बिलिंग की जिम्मेदारी इनड्योर एजेंसी को दिया था। वहीं एजेंसी के काम से विभागीय अधिकारी संतुष्ट नहीं थे। इसलिए करीब पांच-छह महीने पहले उस एजेंसी को बदलकर एन सॉफ्ट को बिलिंग की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन बिलिंग स्टॉफ नहीं बदले गए। यही नहीं जो कर्मचारी वर्षों से जहां तैनात है, उसे वहां से हटाया भी नहीं गया जिसके चलते एजेंसी को बदले जाने का कोई लाभ नहीं हुआ। आरोप यह है कि क्षेत्रीय सुपरवाइजर और मीटर रीडरों की उपभोक्ताओं से साठगांठ होने से रीडिंग कम दर्ज की जाती है। अफसरों की ओर से पिछले महीने चलाए गए अभियान के दौरान कई मुहल्लों में करीब चार लाख रीडिंग विद्युत मीटरों में स्टोर मिली थी। मामले में चार-पांच रीडरों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। कुछ दिन उनमें डर बना था, लेकिन फिर गड़बडिय़ां सामने आने लगीं। इसकी शिकायत निदेशक की समीक्षा बैठक में की गई तो उन्होंने सभी स्टॉफ का ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। जिले भर में करीब 380 मीटर रीडर तैनात हैं।
कहां कितने मीटर रीडर
सर्किल एक-66
सर्किल दो- 58
ईईडी प्रथम (यमुनापार)-61
ईईडी द्वितीय (गंगापार)-58
हंडिया- 39
मेजा- 42
हंडिया- 39
कहते हैं अधिकारी
पहले की एजेंसी कर्मचारियों को पैसा कम देती थी और समय से नहीं देती थी। अब ऐसा नहीं है। लेकिन यदि कर्मचारी गड़बड़ी कर रहे हैं तो खंडीय अधिकारियों को यह देखना चाहिए।
-महेश चंद्र शर्मा, मुख्य अभियंता (विद्युत वितरण)