Move to Jagran APP

पीएम मोदी के रैली स्थल प्रयागराज में भूमि पूजन, प्रयागराज में बिताएंगे साढे तीन घंटे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा स्थल की उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ झूंसी के अंदावा में भूमि पूजन किया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 01:53 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 06:22 PM (IST)
पीएम मोदी के रैली स्थल प्रयागराज में भूमि पूजन, प्रयागराज में बिताएंगे साढे तीन घंटे
पीएम मोदी के रैली स्थल प्रयागराज में भूमि पूजन, प्रयागराज में बिताएंगे साढे तीन घंटे

जेएनएन, प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा स्थल की उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ झूंसी के अंदावा में भूमि पूजन किया। पीएम मोदी सोलह दिसंबर को आएंगे। वह लगभग साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपये के कुंभ के स्थायी कार्यों का लोकार्पण करेंगे। ऐसे में उद्योगों को प्रधानमंत्री से संजीवनी की दरकार रहेगी। उल्लेखनीय है कि 1980 के दशक तक संगमनगरी की पहचान नैनी औद्योगिक क्षेत्र से भी थी। यहां सैकड़ों लोग काम करते थे। इसके बाद एक-एक करके कई फैक्ट्रियां बंद होने से औद्योगिक क्षेत्र का गौरव कम हो गया। 

loksabha election banner

सोलह दिसंबर को पीएम मोदी का कार्यक्रम

  • कार्यक्रम के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी प्रयागराज में सवा तीन घंटे रहेंगे। 
  • पीएम रायबरेली से तीन हेलीकॉप्टर से आएंगे। एमएनएनआइटी में हेलीपैड तैयार।
  • एमएनएनआइटी से प्रधानमंत्री की फ्लीट 11 किमी दूर संगम तट तक पहुंचेगी। 
  • संगम तट पर प्रधानमंत्री एक घंटे पांच मिनट तक दर्शन पूजन आदि करेंगे।
  • इसी दौरान मोदी हेलीकॉप्टर से कुंभ मेला क्षेत्र का हवाई सर्वे करेंगे।
  • हवाई सर्वे के करते झूंसी स्थित सभास्थल पर संबोधित करने पहुंचेंगे। 
  • सभी कार्यक्रमों के बाद विधिवत संपन्न कर पीएम शाम चार बजे लौटेगे।

एम्स के लिए लंबे समय से मांग 

दरअसल, 16 दिसंबर को प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हो रहा है। एक तरफ प्रयागराज जहां उनके स्वागत की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ लोगों को उनसे उम्मीदें भी हैं। गोरखपुर व रायबरेली को एम्स की सौगात तो दे दी गई है लेकिन प्रयागराज अभी भी इससे अछूता है। जबकि यहां कुंभ, महाकुंभ व माघ मेला आयोजित होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु देश विदेश से आते हैं। यहां एम्स के लिए लंबे समय से मांग भी की जा रही है लेकिन आज तक इसकी घोषणा नहीं हुई।

उद्योगों को संजीवनी की उम्मीद

2014 में मोदी सरकार बनाने के बाद केंद्र ने बीपीसीएल और हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) के लिए पैसा दिया। एचसीएल की देनदारी को खत्म करके हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसे टेकओवर कर लिया। उसके बाद एचसीएल का नाम नैनी एयरो स्पेस हो गया। अब वहां पर लूम्स और धु्रव हेलीकॉप्टर के पाट्र्स बन रहे हैं। नैनी औद्योगिक क्षेत्र की बंद पड़ी एक इकाई तो चल चुकी है लेकिन कई और इकाइयों को संजीवनी की दरकार है। लखनऊ में यूपी इंवेस्ट्र्स समिट-2018 होने के बाद शंकरगढ़ में दो सीमेंट कंपनियां इकाई खोल रही हैं, लेकिन वहां पर सालों से रिफाइनरी खोलने की योजना ठंडे बस्ते में पड़ हुई है। अगर यहां कोई नई इकाई खुल जाए तो युवाओं को रोजगार मिल जाएगा। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में कोई बड़ी इकाई नहीं लगने के कारण इसका विकास नहीं हो पा रहा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

रिलायंस की बंद पड़ी इकाई चलाने का प्रयास

उद्यमी कहते हैं कि जब तक प्रयागराज में कोई बड़ी फैक्ट्री नहीं लगेगी तब तक यहां पर औद्योगिक विकास संभव नहीं है। जब नैनी का नाम था, तब बड़ी इकाइयों के सहारे 100 से अधिक इकाइयां चल रही थीं। बड़ी इकाइयों के बंद होने पर धीरे-धीरे छोटी इकाइयां खत्म हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्योगों को बड़ी उम्मीद है। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी रिलायंस की इकाई को दोबारा चलाने के लिए प्रयास हो रहा है। केंद्र सरकार अगर बीपीसीएल और आइटीआइ के लिए गंभीरता से सोचें तो नैनी औद्योगिक क्षेत्र का खोया हुआ गौरव फिर हासिल हो सकता है। औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए चैंबर लगातार आवाज उठा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.