Bhaiya Duj Parva Timing : बहनों ने भाई की चिरायु को रखा व्रत, माथे पर तिलक लगा उतारी आरती
स्नान करके सूर्यदेव को अघ्र्य देकर मां यमुना व उनके भाई यमराज से भाई को लंबी उम्र देने की कामना की। घर आकर भाई के पसंद का पकवान बनाया। फिर उनकी बलाएं लेकर अपने हाथों से भोजन कराया। भाई ने बहन को उपहार देकर आशीर्वाद लिया।
प्रयागराज,जेएनएन। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर सोमवार को यम द्वितीया अर्थात भइया दूज का पर्व मनाया गया। भइया दूज बहन-भाई के आत्मीय लगाव व समर्पण का पर्व है। बहनों ने व्रत रखकर यमुना के पवित्र जल में डुबकी लगाई।
भाई को खिलाने के बाद बहनों ने ग्रहण किया जल
स्नान करके सूर्यदेव को अघ्र्य देकर मां यमुना व उनके भाई यमराज से भाई को लंबी उम्र देने की कामना की। घर आकर भाई के पसंद का पकवान बनाया। फिर उनकी बलाएं लेकर अपने हाथों से भोजन कराया। भाई ने बहन को उपहार देकर आशीर्वाद लिया। भाई को खिलाने के बाद बहनों ने जल ग्रहण किया।
यमुना घाट पर स्नान के लिए जुटे लोग
मान्यता है कि यम द्वितीया पर यमुना स्नान करके बहन भाई की बलाएं लेती हैं। तब भाई को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। इसी कारण यमुना स्नान घाटों पर भोर से स्नानार्थियों की भीड़ जुटने लगी। बलुआघाट, गऊघाट, ककरहा घाट व सरस्वती घाट पर स्नान-दान का सिलसिला देर तक चलता रहा। सोमवार की सुबह 9.13 बजे द्वितीया तिथि लगी थी। जबकि दोपहर 12.49 से 2.20 की कुंभ की स्थिर लग्न थी। अधिकतर बहनों ने स्थिर लग्न में भाई की बलाएं ली।
मिठाई की दुकान पर रही भीड़
भइया दूज का पर्व होने के कारण मिठाई की दुकान पर सुबह से भीड़ लग गई। बहनों ने भाई की पसंद की मिठाइयां ली। जबकि भाइयों ने बहन के लिए कपड़े, गहने व अन्य उपहार लिए। इससे बाजार में चहल-पहल बनी रही।