देश की आजादी के लिए 1857 से पहले भी हुए थे विद्रोह Prayagraj News
भारत में 1857 के स्वतंत्रा आंदोलन के पहले भी कई विदोह हुए थे। वे सफल हुए या नहीं यह अलग विषय है लेकिन स्वतंत्रता की चाहत लोगों में जांग चुकी थी।
प्रयागराज, जेएनएन। भारत में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जब 1857 में बिगुल बजा था तो यह पहली बार नहीं हुआ था। इससे पहले भी छोटे-बड़े करीब 100 विद्रोह विभिन्न स्थानों पर हो चुके थे, लेकिन इन विद्रोहों की सफलता या असफलता अलग विषय है। यह बातें इलाहाबाद संग्रहालय में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यान में मेरठ से आए प्रोफेसर केडी शर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता कहीं।
प्रोफेसर केडी शर्मा ने 1857 से पहले अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह पर चर्चा की
व्याख्यान में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मेरठ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केडी शर्मा ने 1857 से पहले अंग्रेजों के खिलाफ हुए विद्रोह में चित्तूर की रानी चिनप्पा के साथ ही टीटूमीर के विद्रोह, कूका, कोल, संथाल व नील विद्रोह की चर्चा की।
लाला हरदयाल व वीर सावरकर जैसे क्रांतिवीरों को याद किया
उन्होंने विदेशों से विशेषकर अमेरिका, ब्रिटेन, रूस से क्रांतिकारी गतिविधियों को धार देने वाले लाला हरदयाल व वीर सावरकर जैसे क्रांतिवीरों को याद किया। इस अवसर पर संग्रहालय के निदेशक डॉ. सुनील गुप्त ने मुख्य वक्ता, सभाध्यक्ष सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर अली अहमद फातमी व संचालन डॉ. ओए वानखेड़े ने किया। इस अवसर पर डॉ. श्रीरंजन शुक्ल, डॉ. प्रभाकर पांडेय, हसन नकवी सहित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
भाजपाइयों ने निकाली पदयात्रा
गांधी जयंती के अवसर पर प्रतापगढ़ में सांसद संगमलाल गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पद यात्र निकाली। इस दौरान स्वच्छता रखने और प्लास्टिक छोड़ने का आग्रह सभी से किया गया। लोगों को सरकार की आेर से चलाई जा रही विकास संबंधी योजनाओं की भी जानकारी दी गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि किस तरह सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है। पद यात्रा के दौरान चंद्रिकन मंदिर पर साफ सफाइ भी की गई। सांसद रात्रि निवास नगर पंचायत अंतू के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के आवास पर करेंगे।