हाईवे ही नहीं, शहर में भी रहें सावधान, कोहरे में वाहन चलाते समय सावधानी बरतें Prayagraj News
ठंड का मौसम आ गया है वातावरण में कोहरे की चादर छाने लगी है। ऐसे में आप अगर बाहर निकल रहे हैं तो बहुत ही सावधानी के साथ वाहन को चलाएं। शहर में बेफिक्री से ड्राइविंग न करें।
प्रयागराज, जेएनएन। बेटा, कोहरा बहुत छाया है। संभलकर गाड़ी चलाना। और हां, देखना सड़क के बीच में सीवर के ढक्कन भी बहुत खतरनाक हैं। तीन दिन पहले एक युवक डिवाइडर के कट के चक्कर में बाइक समेत गिरकर घायल हो गया था। जी हां, कोहरे वाली ठंड में इन दिनों अभिभावक व बुजुर्ग अपने बच्चों को वाहन चलाते वक्त कुछ इसी तरह की हिदायत और सलाह देते हैं।
...ताकि परिवार की खुशियां गम में न बदल जाए
खासकर उस वक्त आपका सफर और जोखिम भरा हो जाता है, जब घना कोहरा छा जाता है। हाईवे की तरह शहर की सड़कों पर भी कई ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिससे तमाम परिवारों की खुशियां गम में तब्दील हो चुकी हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें सड़क दुर्घटना का दंश आज भी सालता है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो नेशनल हाईवे, स्टेट हाइवे की तरह लिंक रोड व दूसरी सामान्य सड़कों पर हुए हादसे में कई लोगों की जान जा चुकी है। जख्मी होने वालों की तादात भी लंबी है। कुछ लोग आज बैसाखी के सहारे जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं। ऐसे में हाईवे ही नहीं, शहर में भी वाहन चलाते वक्त ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
पुलिस अधिकारियों की सलाह कि कोहरे में ध्यान से वाहन चलाएं
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कई बार आप नियम के अनुरूप गाड़ी चला रहे होते हैं, लेकिन कोई दूसरा वाहन सवार आपको टक्कर मार देता है। लिहाजा आप यातायात नियमों का पालन करने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि कहां चौराहा, कहां वन-वे है और कहां रास्ता खराब है, क्योंकि कोहरे में इसका पता नहीं चल पाता है।
सिविल लाइंस, धूमनगंज में खतरनाक कट
सिविल लाइंस और धूमनगंज इलाके में सबसे ज्यादा डिवाइडर के खतरनाक कट हैं। सिविल लाइंस मेंं पत्थर गिरिजाघर से पहले बैरिकेडिंग लगाकर डिवाइडर बनाया गया है, लेकिन अक्सर उसे लोग हटा देते हैं। एमजी मार्ग और पत्रिका मार्ग पर भी ऐसे ही दो कट हैं। जबकि पुरानी जीडी रोड पर धूमनगंज, सुलेम सरांय और राजरूपपुर रोड पर तीन डिवाइडर के कट बेहद खतरनाक हैं। निरंजन सिनेमा के सामने भी डिवाइडर के बीच में बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिसे लोग हटा देते हैं।
यहां हैं अंधा मोड़
तेलियरगंज में महर्षि पतंजलि स्कूल के पास, धूमनगंज में महिला ग्राम के पास, सुलेम सराय में शेरवानी मोड़, कर्नलगंज में डायमंड जुबली हॉस्टल के सामने, कीडगंज में बांगड़ धर्मशाला के पास, झूंसी में अंदावा में अंधा मोड़ है। जबकि सोहबतियाबाग पुल पर चलना भी बेहद जोखिम भरा है। चंद्रशेखर आजाद और शास्त्री पुल से ज्यादा नये यमुना पुल पर भी हादसे होते हैं। इसे भी दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है।
ये हैं दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र
बमरौली, हैप्पी होम तिराहा, चौफटका, सप्लाई डिपो, हाईकोर्ट पानी टंकी चौराहा, धोबीघाट चौराहा, बेली चौराहा,गोविंदपुर मोड़, एमएनआइटी चौराहा, बालसन चौराहा, गीता निकेतन, टाटा वर्कशॉप, लोक सेवा आयोग, एजी ऑफिस चौराहा, राजापुर तिराहा को दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र घोषित किया गया है। कोहरे के दौरान इन चौराहों और स्थानों से गुजरते वक्त बेहद सावधान रहें।
बोले ट्रैफिक इंस्पेक्टर
ट्रैफिक इंस्पेक्टर राकेश प्रताप सिंह का कहना है कि पहले की तुलना में शहर में हादसे कम हुए हैं लेकिन कोहरे के दौरान वाहन चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। यातायात नियमों का पालन करके आप अपनी व दूसरों की जान बचा सकते हैं।