बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल पर रहे बैंक कर्मी, प्रदर्शन कर दिखाई एकजुटता Prayagraj News
बैंक कर्मियों ने अपनी एकजुटका का मंगलवार को प्रदर्शन किया। हड़ताल के तहत बैंकों में तालाबंदी रही। वहीं कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर बैंकों के विलय मामले पर विरोध जताया।
प्रयागराज,जेएनएन: पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बैंककर्मी मंगलवार को हड़ताल पर रहे। इससे प्राइवेट छोड़कर अन्य बैंकों के ताले नहीं खुले। हड़ताल के कारण करीब 150 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। दीपावली के पहले हड़ताल के कारण कारोबार पर भी इसका असर पड़ा।
बैंकों में हड़ताल सुनिश्चित करने के बाद कर्मचारी दिन में करीब 11.30 बजे सिविल लाइंस में संगम प्लेस स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) शाखा के बाहर प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए। बैंककर्मियों ने सरकार की ओर से प्रस्तावित 10 बैंकों के विलय का विरोध किया। यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन प्रयागराज इकाई के तत्वावधान में आयोजित प्रदर्शन में कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं और बैंकों के प्रस्तावित विलय को नहीं रोका गया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। सभा को संगठन मंत्री एसबी राय, सौरभ सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव, एसबी दुबे, एके कपिला, संजय अग्रवाल, अवधेश पांडेय, मयंक मिश्रा, सुधीर अग्रवाल, क्षितिज पांडेय आदि ने संबोधित किया। एलआइसी से अविनाश मिश्रा, ट्रेड यूनियन नेता हरिश्चंद्र द्विवेदी, सुभाष पांडेय, अधिकारी संगठन से राजेश तिवारी ने भी आंदोलन का समर्थन किया। सभा की अध्यक्षता संगठन मंत्री ने की। वहीं, संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में इलाहाबाद बैंक में प्रदर्शन हुआ। इसमें संयुक्त मंत्री संजय कुमार, उपाध्यक्ष सुलभ टंडन, संगठन मंत्री अवधेश नारायण पांडेय, बद्री प्रसाद मिश्रा, अवधेश नारायण शुक्ला, सुधांशु वर्मा, राजेश कनौजिया, रिक्की कौशल आदि शामिल रहे।
प्राइवेट बैंकों में बंदी नहीं :
आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी समेत अन्य प्राइवेट बैंक खुले रहे। इन बैंकों में हड़ताल का कोई असर नहीं रहा। सभी काम काज रोज की तरह हुए।
एटक ने किया समर्थन :
हड़ताल का समर्थन आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने भी किया। एटक कार्यालय में हड़ताल के समर्थन में हुई बैठक की अध्यक्षता रामफेर तिवारी ने की। इसमें वक्ताओं ने बैंकों का विलय को देश की जनता और कर्मचारियों के विरुद्ध बताया। महामंत्री रामसागर ने कहा कि बैंकों की हड़ताल सरकारी सार्वजनिक संपत्ति बचाने के लिए हो रहा है। बैठक में नागेश्वर गिरि, अनुसिंह, मुस्तकीम अहमद, अवधेश यादव, समर सिंह पटेल, मुन्ना, जितेंद्र प्रजापति आदि शामिल रहे।
ये हैं मुख्य मांगें :
-बैंकों का विलय रोका जाए
-बैंकिंग सुधारों को रोका जाए
-सेवा प्रभारों में वृद्धि करके ग्राहकों का उत्पीडऩ न किया जाए
-एनपीए की वसूली सुनिश्चत की जाए और डिफाल्टरों पर कठोर कार्रवाई की जाए
-सभी बैंकों में कर्मचारियों की पर्याप्त भर्ती हो
क्या कहते हैं कारोबारी :
प्रदेश अध्यक्ष कैट महेंद्र गोयल का कहना है कि मंगलवार को बैंकों में हड़ताल रही। 26 को चौथा शनिवार होने से बैंक बंद रहेंगे। बैंकों के बंद होने से चेक से भुगतान नहीं हो सकता है। एटीएम सेवा वैसे ही खराब रहती है। हड़ताल में पैसा ही नहीं मिल पाता है। त्योहार में हड़ताल उचित नहीं है। सिविल लाइंस व्यापार मंडल के महामंत्री शिवशंकर सिंह का कहना है कि त्योहारी सीजन में बैंकों की हड़ताल उचित नहीं है। प्राइवेट बैंक खुले रहे। कर्मचारियों को जनता के हित का ख्याल रखते हुए दीपावली के बाद हड़ताल करना चाहिए था। हड़ताल से कारोबार भी प्रभावित हुआ।