Atiq Murder Case: अतीक-अशरफ के हत्यारोपियों की न्यायिक अभिरक्षा फिर बढ़ी, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के हत्यारोपितों की न्यायिक अभिरक्षा 14 दिनों के लिए और बढ़ गई है। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रतापगढ़ जेल में बंद शूटर लवलेश तिवारी सनी सिंह और अरुण मौर्या को कोर्ट में पेश किया गया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के हत्यारोपितों की न्यायिक अभिरक्षा 14 दिनों के लिए और बढ़ गई है। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रतापगढ़ जेल में बंद शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या को कोर्ट में पेश किया गया।
इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाते हुए सुनवाई के लिए सात जून की तिथि नियत की है। इससे पहले भी कोर्ट की ओर से आरोपियों की कई बार न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाई गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि अभियुक्तों की पैरवी के लिए कोई अधिवक्ता अभी तक नियुक्त नहीं हुआ है।
15 अप्रैल रात शूटरों ने काल्विन अस्पताल में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने तीनों को मौके से पकड़ लिया था। पूछताछ में पता चला था कि लवलेश बांदा, सनी सिंह हमीरपुर और अरुण मौर्य कासगंज का रहने वाला है। इसके पास से तुर्किए निर्मित जिगाना, गिरसान और एक कंट्री मेड पिस्टल बरामद हुई थी।
इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश मौर्य की तहरीर पर शाहगंज थाने में तीनों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। इसके बाद हत्याकांड की विवेचना एसआईटी को दी गई।
शूटरों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ गई तो पता चला था कि दिल्ली के गोगी गैंग ने सनी सिंह को विदेशी पिस्टल रखने के लिए दिया था, लेकिन गोगी की हत्या के बाद पिस्टल लेकर अपने घर भाग निकला। इसके बाद अपना नाम कमाने के लिए अतीक और अशरफ को मौत की नींद सुला दी थी।