Move to Jagran APP

गाड़ी की रफ्तार कम होते ही कांप उठा था अतीक, चेहरे पर खौफ लिए बोला - 'गड़िया काहे रोक दियो इहां, कुछ बतउबो'

पुलिस जब उसे साबरमती जेल लेने पहुंची तो मेडिकल चेकअप के दौरान उसने कमर में दर्द होने की बात कही थी। गाड़ी में बैठने से पहले उसने असमर्थता जताई। लेकिन पुलिस को आदेश था कि गाड़ी में ही लाना है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Tue, 28 Mar 2023 04:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 06:10 AM (IST)
गाड़ी की रफ्तार कम होते ही कांप उठा था अतीक, चेहरे पर खौफ लिए बोला - 'गड़िया काहे रोक दियो इहां, कुछ बतउबो'
गाड़ी की रफ्तार कम होते कांप उठा था अतीक, बोला - 'गड़िया काहे रोक दियो इहां, कुछ बतउबो'

प्रयागराज, नरेंद्र श्रीवास्तव। गड़िया काहे रोक दियो इहां, कुछ बतउबो...। स्थानीय भाषा में यह सवाल माफिया अतीक अहमद ने पुलिसवालों से उस समय किया, जब गुजरात के साबरमती जेल से निकलने के बाद देर रात उसका काफिला एक स्थान पर रोक दिया गया। जैसे ही गाड़ी रुकी पहले से घबराया माफिया अतीक अहमद एकदम चीख ही पड़ा।

loksabha election banner

नैनी सेंट्रल जेल में अतीक को पहुंचाने के बाद पुलिस टीम के कुछ सिपाहियों से दैनिक जागरण ने बातचीत की तो पहले तो कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। बाद में नाम न छापने की शर्त पर पुलिस ने बताया कि सफर के दौरान रात भर अतीक के चेहरे पर खौफ साफ दिखाई पड़ रहा था।

रविवार को पुलिस जब उसे साबरमती जेल लेने पहुंची तो मेडिकल चेकअप के दौरान उसने कमर में दर्द होने की बात कही थी। गाड़ी में बैठने से पहले उसने असमर्थता जताई। लेकिन पुलिस को आदेश था कि गाड़ी में ही लाना है तो, ऐसे में उसको वज्र वाहन (पुलिस वैन) में एक गद्दा और दो तकिया दिया गया।

पुलिस वैन में दोनों तरफ की लंबी सीट के बीच खाली जगह पर गद्दे को डाल दिया गया था। रास्ते में वह कई बार उस गद्दे पर लेटा, लेकिन बैचेन होकर कुछ देर में ही उठकर बैठ जाता था। गाड़ी की रफ्तार कम होने पर वह काफी घबरा जाता है। जब गाड़ी साबरमती जेल से निकलने के बाद रुकी तो कहने लगा ड़िया काहे रोक दियो इहां, कुछ बतउबो...।

जिस गाड़ी में अतीक को लाया जा रहा था, उस वाहन को तिरपाल से पूरी तरह से ढक दिया गया था, जिसकी वजह से वह जाली से बाहर भी नहीं झांक पा रहा था। लेकिन ड्राइवर के पीछे बनी खिड़की से वह सड़क पर नजर दौड़ा रहा था।

पुलिस ने बताया कि बीच-बीच में वह चालक से पूछ भी रहा था कि कहां तक पहुंचे हैं। टायलेट और शौच के लिए भी वाहन में वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। खाने-पीने की चीजें खिड़की से मुहैया कराई जा रही थी। प्रयागराज की सीमा में प्रवेश करने के बाद उसके चेहरे पर कुछ सुकून दिखा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.