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विधायक मुख्तार अंसारी पर हत्या का आरोप तय

आजमगढ़ के तरवा थाना क्षेत्र में दो साल पहले हुई राम इकबाल नामक मजदूर की हत्या के मामले में आरोपित बाहुबली और मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने गुरुवार कोआरोप तय कर दिया। कोर्ट में पेशी के लिए बांदा जेल में बंद मुख्तार को कड़ी सुरक्षा में जिला कचहरी लाया गया था। इस दौरान काफी गहमागहमी रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 09:49 AM (IST)
विधायक मुख्तार अंसारी पर हत्या का आरोप तय
विधायक मुख्तार अंसारी पर हत्या का आरोप तय

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : आजमगढ़ के तरवा थाना क्षेत्र में दो साल पहले हुई राम इकबाल नामक मजदूर की हत्या के मामले में आरोपित बाहुबली और मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने गुरुवार कोआरोप तय कर दिया। कोर्ट में पेशी के लिए बांदा जेल में बंद मुख्तार को कड़ी सुरक्षा में जिला कचहरी लाया गया था। इस दौरान काफी गहमागहमी रही।

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विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने मुकदमे की सुनवाई के बाद आरोप तय किया। मुख्तार पेशी के लिए एंबुलेंस से लाए गए थे। सुबह करीब 10:30 बजे वह जिला कचहरी स्थित स्पेशल कोर्ट में पहुंचे। आजमगढ़ जिले के तरवा थाने में छह फरवरी 2016 को मुख्तार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अभियोजन कथानक के मुताबिक खनन का ठेका छोड़ने का दबाव बनाने के लिए मुख्तार अंसारी सह अभियुक्तों के साथ एरा कला पोखरा के पास असलहे से लैस होकर पहुंचे। ताबड़तोड़ फाय¨रग की। गोली लगने से मजदूर राम इकबाल की मौत हो गई थी, जबकि पांचू नामक दूसरा मजदूर घायल हो गया था। वादी मुकदमा राजेश सिंह की तहरीर पर मुख्तार अंसारी के अलावा राजेंद्र पासी, हरिकेश यादव, राजन, उमेश सिंह, सोहन पासी, छोटा पंकज यादव, श्याम बाबू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। विशेष न्यायाधीश पवन तिवारी ने बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि का तर्क सुनने के बाद जानलेवा हमला, हत्या, साजिश रचने समेत अन्य धाराओं में मुख्तार के खिलाफ आरोप तय किया। अन्य आरोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे, इसलिए उनके खिलाफ आरोप तय नहीं हुआ।

इसी कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ दोहरे हत्याकांड से संबंधित एक और मुकदमा भी आया है इसकी सुनवाई 22 नवंबर को होगी। यह मामला मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने का है। अभियोजन के अनुसार 19 मार्च 2010 को मुख्तार अंसारी सह अभियुक्तों के साथ असलहे से लैस होकर एआरटीओ कार्यालय के पास पहुंचकर ताबड़तोड़ फाय¨रग की थी। गोली से राम सिंह मौर्या व सिपाही सतीश की मौत हो गई थी, जबकि शब्बीर शाह उर्फ राजा व चंद्रशेखर जख्मी हो गए थे। इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी, राकेश पांडेय, दुलारे, अनुज कनौजिया, बृजेश सोनकर व पंकज यादव अभियुक्त हैं। पुलिस लाइन में रुके मुख्तार -

पेशी के बाद एंबुलेंस से बांदा जेल जाते वक्त अचानक मुख्तार अंसारी अचानक थोड़ी देर के लिए पुलिस लाइन पहुंच गए। इससे पुलिसकर्मी अचरज में पड़ गए। कर्नलगंज सीओ आलोक मिश्रा का कहना है कि मुख्तार की सुरक्षा में दो सीओ की ड्यूटी लगी थी। एक सीओ को बांदा जेल से लाना था और दूसरे को ले जाना था। ड्यूटी बदलने के लिए सुरक्षा कारणों से उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया। एंबुलेंस खराब होने की बात अफवाह थी। पेशी के दौरान मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी भी मौजूद रहे।


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