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Magh Mela-2020 : सेना ने तीर्थ पुरोहितों को अस्थाई निर्माण की अनुमति दी Prayagraj News

निर्माण तोड़ने के बाद तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है। सेना ने आगे की कार्रवाई रोकते हुए कहा कि परेड पर तीर्थ पुरोहित अस्थाई रूप से अपना तख्त लगाकर पूजा-पाठ करा सकते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 10:01 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 12:54 PM (IST)
Magh Mela-2020 : सेना ने तीर्थ पुरोहितों को अस्थाई निर्माण की अनुमति दी Prayagraj News
Magh Mela-2020 : सेना ने तीर्थ पुरोहितों को अस्थाई निर्माण की अनुमति दी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पिछले हफ्ते सेना की ओर से तीर्थ पुरोहितों के ठीहे ढहा दिए गए थे। इससे वह आंदोलनरत हैं और जगह-जगह सेना के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। यह मामला संसद तक भी पहुंच गया। इस बीच सेना के अफसरों ने कहा कि तीर्थ पुरोहित अस्थाई ठीहे बनाकर पूजा-पाठ करा सकते हैं। परेड मैदान पर स्थायी निर्माण प्रतिबंधित है।

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परेड में सेना की भूमि पर स्थायी निर्माण प्रतिबंधित है

संगम किनारे परेड की एक हजार एकड़ जमीन सेना की है। यहां पर सदियों से तीर्थ पुरोहित पूजा-पाठ कराते रहे हैं। यहीं हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं के आस्था का मेला कुंभ, अर्धकुंभ और माघ मेला लगता है। सेना की जमीन होने के कारण पूरे क्षेत्र में स्थाई निर्माण प्रतिबंधित है, फिर भी कई लोगों ने पक्का निर्माण कर लिया है। इसलिए पिछले कुछ दिनों से सेना के अफसर कब्जा खाली कराने की कार्रवाई की। परेड मैदान पर उन्होंने पक्के निर्माण तोड़े लेकिन अधिकतर अब भी वहीं पर जमे हैं। इसी क्रम में उन्होंने सप्ताह भर पहले तीर्थ पुरोहितों के ठीहों को यह कहते हुए तोड़ दिया कि यह अवैध कब्जा है। उसे तोड़ा गया तो तीर्थ पुरोहित अफसरों से लेकर विधायक, सांसद और मंत्री से शिकायत कर रहे हैं।

अतिक्रमण हटाने के लिए सेना ने आगे की कार्रवाई रोकी

चूंकि अब माघ मेला की भी तैयारी शुरू हो गई है। इसलिए सेना ने आगे की कार्रवाई रोकते हुए कहा कि परेड पर तीर्थ पुरोहित अस्थाई रूप से अपना तख्त लगाकर पूजा-पाठ करा सकते हैं। इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वहीं तीर्थ पुरोहितों के संगठन प्रयागवाल सभा के महामंत्री राजेंद्र पॉलीवाल ने बताया कि सेना की कार्रवाई से उनका भारी नुकसान हुआ है। कई पुराने अभिलेख फट गए हैं। वह स्थाई जगह भी नहीं मांग रहे लेकिन उनको कोई जगह निर्धारित की जाय, जहां से पूजा-पाठ कर सके।


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