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जगद्गुरु स्‍वामी वासुदेवानंद की पेशवाई में दिखा भव्‍यता का समावेश

प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में जगद्गुरु स्‍वामी वासुदेवानंद सरस्‍वती की पेशवाई निकली। पेशवाई में जगह-जगह पुष्पवर्षा हुई और भक्‍तों ने उनका आशीर्वाद लिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 07:46 PM (IST)
जगद्गुरु स्‍वामी वासुदेवानंद की पेशवाई में दिखा भव्‍यता का समावेश
जगद्गुरु स्‍वामी वासुदेवानंद की पेशवाई में दिखा भव्‍यता का समावेश

प्रयागराज : ध्वज-पताका की अद्भुत छटा, कर्णप्रिय भजन, मंत्रोच्चार, भक्तों के जयकारा एवं पुष्पवर्षा के बीच जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया। स्वामी वासुदेवानंद की पेशवाई दोपहर अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम से आरंभ हुई। फूलों से सजे भव्य रथ में आसीन होकर सैकड़ों संत-महात्माओं के साथ स्वामी वासुदेवानंद का कारवां जिस मार्ग से निकला, वहां उनका दर्शन करने लोगों का जमघट लग गया।

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 जूना अखाड़ा के संयोजन में निकली स्वामी वासुदेवानंद की पेशवाई में हाथी, घोड़ा, ऊंट व बैंडबाजा शामिल रहा। मेला क्षेत्र में सड़क के दोनों ओर खड़े नर-नारी व बच्चे भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर हाथ जोड़े खड़े रहे। स्वामी वासुदेवानंद सबको आशीर्वाद देते हुए चल रहे थे। त्रिवेणी मार्ग से होते पांटून पुल पार करके उनका कारवां कुंभ मेला क्षेत्र स्थित शिविर पहुंचा।

बोले, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होना पुनीत कार्य

कुंभ मेला स्थित शिविर में स्वामी वासुदेवानंद ने मौजूद भक्तों को धर्म का पाठ पढ़ाया। प्रदेश सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए बोले, इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करना अत्यंत पुनीत कार्य है। कुंभ को लेकर केंद्र व राज्य सरकार बहुत गंभीर है। मैंने कई कुंभ देखे हैं, लेकिन इस बार जैसी व्यवस्था कभी नहीं हुई। योगी ने मुख्यमंत्री के साथ संत के रूप में भव्य व्यवस्था की है। स्वामी वासुदेवानंद का अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि, अखामहंत प्रेम गिरि, स्वामी विद्यानंद सरस्वती, श्रीमहंत नारायण गिरि, स्वामी विमलदेव आश्रम, कर्ण पुरी, स्वामी मुक्तानंद, ओंकारनाथ त्रिपाठी ने माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।

श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण में धर्म ध्वजा पूजन

कुंभ मेला क्षेत्र स्थित श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के शिविर में मंगलवार को मंत्रोच्चार के साथ धर्म ध्वजा का पूजन हुआ। महात्माओं ने पूजन कर यज्ञकुंड में आहुतियां डाली। हवन के बाद तड़ी (लकड़ी) का पंचामृत से अभिषेक हुआ। फिर मंत्रोच्चार, पुष्पवर्षा एवं गगनचुंबी जयघोष के साथ अखाड़ा का झंडा तड़ी में बांधा गया। क्रेन की मदद से उसे खड़ा करके अखाड़ा पूजन हुआ। इस दौरान दूसरे अखाड़ों के महात्मा भी मौजूद रहे। 

धर्म ध्वजा के पास रखी जाएगी पालकी

अखाड़ा के संयुक्त सचिव महंत व्यास मुनि ने बताया कि पेशवाई होने पर धर्म ध्वजा के पास अखाड़ा के आराध्य की पालकी रखी जाएगी। यहीं मत्था टेकने के बाद महात्मा एवं भक्त शिविर में प्रवेश करेंगे। पूजन में अखाड़ा अध्यक्ष श्रीमहंत महेश्वदास, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि, महामंडलेश्वर हंसराम दास, नागाबाबा निर्वाण दर्शन मुनि, महंत रघुमनि, महंत दुर्गा दास, महंत अद्वैतानंद, महंत अग्रदास, महंत शिवानंद, महंत राम मुनि, महंत लक्ष्मण दास, महंत मनोहर दास, महंत हंस मुनि, महंत जयेंद्र मुनि शामिल रहे।


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