मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचा रहीं अन्वेषा और गुडिय़ा Prayagraj News
बिटियों को उनका अधिकार दिलाने में अन्वेषा और गुडि़या का काफी योगदान है। उन्होंने कहीं हस्ताक्षर अभियान तो कहीं महिलाओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' को आगे बढ़ा रही हैं दो बेटियां। लोगों के बीच में जाकर आह्वान करती हैं कि प्लीज, बेटियों को बेटे की तरह ही पढ़ाएं और उनका अधिकार दें। इसके लिए लोगों को शपथ भी दिलाती हैं। महिला समाख्या से जुड़कर मोदी के अभियान को सफल बनाने में जुटी हैं। यहां बात हो रही है इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय से एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई करने वाली अन्वेषा तिवारी व गुडिय़ा सिंह की।
दोनों सहेलियों का उद्देश्य समाजसेवा ही है
अन्वेषा तिवारी व गुडिय़ा सिंह आपस में सहेलियां हैं। उनका उद्देश्य एक ही है, समाजसेवा। जगह-जगह कैंप करके बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर जागरूक करती हैं। तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) में उधर से गुजरने वाले लोगों को शपथ दिलाकर बैनर पर हस्ताक्षर भी करवा रही थीं। इतना ही नहीं सोरांव में महिलाओं ने शराब का विरोध किया तो इसमें उन्होंने सहयोग किया और आगे आईं। गांवों में जाती हैं और ऐसे लोगों को सुकन्या समृद्धि योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में भी बताती हैं।
पिता की प्रेरणा से गुडिय़ा महिलाओं की आवाज उठा रहीं हैं
गुडिय़ा बताती हैं कि उनके पिता धनंजय सिंह सेना में थे। उनकी ही प्रेरणा से यह क्षेत्र चुना और समाज में महिलाओं व बेटियों की आवाज उठाने के लिए आगे आईं। महिला समाख्या की जिला कार्यक्रम समन्वयक पंकज सिंह कहती हैं कि बेटियों के हित के लिए यह काम कर रही हैं।
आगे भी जारी रहेगी मुहिम
अन्वेषा व गुडिय़ा कहती हैं कि बेटियों को कुछ लोग कमजोर समझते हैं लेकिन यह धारणा बदलनी होगी। बेटियां हर काम कर सकती हैं जो बेटे। हर कार्यक्षेत्र में बेटियां बेटों से लोहा ले रही हैं। अब अपने अधिकार के लिए खुद आगे आना होगा। हमारी यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी।