इविवि में सरकार विरोधी तत्वों ने कराया उपद्रव
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पिछले दिनों सरकार विरोधी तत्वों ने उपद्रव कराया था। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। अब मुख्यमंत्री को कार्रवाई के लिए लिखा गया है। उपद्रव में जिनका नाम आया उनमें कोई विवि का छात्र नहीं रहा।
जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोची समझी रणनीति के तहत विगत डेढ़ सालों में लगातार अराजकता व उपद्रव हो रहा है। कई बार विश्वविद्यालय में आगजनी, उपद्रव व पत्थरबाजी कर करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इन सबके पीछे सरकार विरोधी तत्व काम कर रहे हैं। पिछले दिनों हुए उपद्रव में कोई विश्वविद्यालय का छात्र नामजद नहीं है। पकड़े गए छात्र विविध अपराधों संलिप्त पाए गए हैं व विश्वविद्यालय से निष्कासित हैं। इनका संबंध किसी न किसी रूप में राजनीतिक दलों से है। यह बातें विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई जांच में सामने आया है। प्रो. जगदम्बा सिंह की अध्यक्षता में हुई जांच में कहा गया है कि 24 अप्रैल 2017 की सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय अतिथिगृह में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक प्रस्तावित थी। इसमें राष्ट्रपति व राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य भी मौजूद थे। रोहित कुमार मिश्र पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, आदिल हमजा, अजीत यादव, अखिलेश गुप्ता, आनंद कुमार सिंह, विक्रांत सिंह, सूर्य प्रकाश मिश्र आदि द्वारा विधि संकाय के ऑडिटोरियम को आग के हवाले कर दिया गया। तोड़फोड़ भी की गई थी। पांच जून को भी बाहरी छात्रों ने विश्वविद्यालय में बवाल, आगजनी व तोड़फोड़ की।
विश्वविद्यालय की जांच कमेटी ने पाया कि पांच जून को हुए बवाल में छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर, महामंत्री निर्भय द्विवेदी की अगुवाई में बवाल हुए। कर्नलगंज थाने में 11 छात्रों को नामजद कर 400 अज्ञात छात्रों पर केस दर्ज किया गया। विश्वविद्यालय की जांच कमेटी ने कहा है कि इनमें से विश्वविद्यालय का कोई भी मौजूदा छात्र नहीं है। इनमें से ज्यादातर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की हुई है। कई निष्कासित भी हैं। जांच रिपोर्ट कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू को सौंप दी गई है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री को भी रिपोर्ट भेजी गई है। मुख्यमंत्री से अराजकतत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।