गंगा की निर्मलता के लिए एक और कदम, 30 एमएलडी बढ़ेगी प्रयागराज के मेंहदौरी एसटीपी की क्षमता
60 एमएलडी क्षमता के मेंहदौरी एसटीपी का निर्माण कुंभ 2013 में हुआ था। एसटीपी से ममफोर्डगंज राजापुर अशोक नगर बेली मेंहदौरी राजापुर और बेली कछार म्योराबाद आदि क्षेत्रों के नाले टैप किए गए हैं। नालों के पानी की डिस्चार्ज क्षमता के हिसाब से एसटीपी की क्षमता कम हो गई है
प्रयागराज, जेएनएन। मेंहदौरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता बढ़ाने के लिए इसकी डिजाइन में बदलाव करना होगा। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसरों के द्वारा इसकी डिजाइन संशोधित कराने का काम शुरू करा दिया गया है। डिजाइन तैयार होने पर स्वीकृति के लिए उसे शासन को भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद क्षमतावर्धन का काम प्रारंभ होगा।
60 एमएलडी क्षमता से बढ़ाकर किया जाना है 90
60 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता के मेंहदौरी एसटीपी का निर्माण कुंभ 2013 में हुआ था। इस एसटीपी से ममफोर्डगंज, राजापुर, अशोक नगर, बेली, मेंहदौरी, राजापुर और बेली कछार, म्योराबाद आदि क्षेत्रों के नाले टैप किए गए हैं। लेकिन, नालों के पानी की डिस्चार्ज क्षमता के हिसाब से एसटीपी की क्षमता कम हो गई है। इसकी वजह से नालों का काफी गंदा पानी सीधे गंगा में बहता है। इसे रोकने के लिए इकाई द्वारा इसकी क्षमता 30 एमएलडी और बढ़ाकर 90 एमएलडी करने की है। इकाई द्वारा एसटीपी की डिजाइन बनाकर शासन को भेजी गई थी, लेकिन उसमें संशोधन के लिए कहा गया है। जलनिगम के अधिशासी अभियंता आनंद दुबे का कहना है कि डिजाइन संशोधन का काम हो रहा है। इसके बाद क्षमता बढाई जा सकेगीष। ऐसा होने पर गंगा की निर्मलता की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा जाएगा।
क्षमता बढऩे से शोधन के बाद जाएगा पानी
एसटीपी की क्षमता बढऩे से इस क्षेत्र के सभी नाले टैप हो जाएंगे। इससे जिन नालों का पानी अभी बगैर शोधन के गंगा में जाता है, उन नालों का पानी भी एसटीपी में शोधित होने के बाद ही गंगा में जाएगा। इससे गंगा के निर्मलीकरण में कुछ मदद मिलेगी।