प्रयागराज में बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर व श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी से हटाई गई आनंद गिरि की फोटो
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में आनंद गिरि पर आरोप है। आनंद गिरि की फोटो श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी और त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर से हटा दी गई है। मंदिर में हरिद्वार से आए बलवीर गिरि के करीबी महात्माओं का दखल बढ़ गया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के ब्रह्मलीन (मृत्यु) होने के बाद श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी व लेटे हनुमान मंदिर की व्यवस्था में अंदरखाने में बदलाव शुरू हो गया है। मठ व मंदिर से नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि की फोटो हटा दी गई है। जो नई फोटो लगी है, उसमें कुछ जगह मठ के नए महंत बलवीर गिरि भी नजर आ रहे हैं।
मठ और हनुमान मंदिर में इनका बढ़ा दखल
यही नहीं, श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी और त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर में हरिद्वार से आए बलवीर गिरि के करीबी महात्माओं का दखल बढ़ गया है। हर प्रमुख कार्य में उनकी रोक-टोक होती है। मंदिर में श्रृंगार कराने से लेकर प्रसाद वितरण तक बलवीर गिरि के करीबी महात्माओं का आदेश सर्वोपरि होता है। इससे पहले से सक्रिय पुजारी के साथ ही महात्मा खुद को अब उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
बलवीर गिरि का मठ के महंत के रूप में हुआ है पट्टाभिषेक
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को संदिग्ध अवस्था में फांसी लगा ली थी। महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी पर पांच अक्टूबर को बलवीर गिरि का श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत के रूप में पट्टाभिषेक किया गया था।
पट्टाभिषेक के बाद पहली बार बलवीर गिरि हनुमान मंदिर पहुंचे
महंत का पट्टाभिषेक होने के बाद बलवीर गिरि पहली बार मंगलवार की शाम बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर पहुंचे। वे श्री हनुमान जी की आरती करने के उपरांत महंत नरेंद्र गिरि की गद्दी पर आसीन हुए। महंत नरेंद्र गिरि के गुरु हरगोविंद पुरी व केशव पुरी ने बलवीर को आशीर्वाद दिया।
आने वाले दिनों में व्यवस्था में बदलाव संभव
बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि व पुजारियों ने बलवीर गिरि का स्वागत किया। बलवीर गिरि ने मंदिर की व्यवस्था पर चर्चा की। बलवीर के रुख व उनके करीबी महात्माओं की सक्रियता से लग रहा है कि आने वाले दिनों में व्यवस्था में व्यापक बदलाव होगा।