दिग्गज शिक्षकों को हाशिए पर रखना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति हांगलू को महंगा पड़ा Prayagraj News
प्रो. हांगलू पर यह भी आरोप था कि वह इविवि के कई शिक्षकों को भी अपमानित करते रहे। इविवि के शिक्षकों में भी गुटबाजी तेज हो गई। कुछ शिक्षक समर्थन में तो कुछ विरोध में उतरे।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू को कई दिग्गज शिक्षकों को हाशिए पर रखना भी महंगा पड़ गया। इस मकडज़ाल में वह इस तरह घिरे कि उन्हें अपनी कुर्सी छोडऩी पड़ गई। उन्होंने इविवि के कई दिग्गज प्रोफेसरों के साथ पहले नजदीकी दिखाई। इसके बाद उन्हें किनारे कर दिया था।
हांगलू पर इविवि के तमाम शिक्षकों को अपमानित करने का भी आरोप लगा था
सूत्रों की मानें तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कई दिग्गज प्रोफेसर पहले कुलपति के करीबियों में गिने जाते थे। बीच में किन्हीं कारणों से उनके बीच खटास आई तो उनको किनारे करने के लिए हाशिए पर रखा और यौन उत्पीडऩ के आरोप में साइड लाइन कर दिया। मामला पीएमओ से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंचा। विवि प्रशासन ने उन दिग्गज प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई भी की। प्रो. हांगलू पर यह भी आरोप लग चुका है कि वह इविवि के तमाम शिक्षकों को भी अपमानित करते रहे। यही वजह है कि इविवि के शिक्षकों में भी गुटबाजी तेज हो गई। कुछ शिक्षक समर्थन में तो कुछ विरोध में उतरे। विरोध में उतरे शिक्षकों ने शिकायत की और आयोग को मामले की सच्चाई बताई। आरोप लगाया कि वास्तव में जिन पर आरोप लगे हैं, उन्हें प्रशासनिक पदों पर बैठाया गया है। मामले में आयोग भी सख्त हो गया।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इविवि प्रशासन से जवाब मांगा था
राष्ट्रीय महिला आयोग को छात्राओं की ओर से भी तमाम शिकायतें मिलीं। टीम ने उन्हीं शिक्षकों की शिकायत पर इविवि प्रशासन से जवाब मांगा था। इसमें कहा गया था कि जिन प्रोफेसरों पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं, उनकी रिपोर्ट दी जाए कि उनमें क्या कार्रवाई हुई है। इस पर इविवि प्रशासन ने केवल उन्हीं शिक्षकों के बारे में जानकारी दी, जो विरोधी गुट के थे। इसी मामले को मंत्रालय ने भी हथियार बनाया और कुलपति की मुश्किलें बढ़ा दीं।