Lockdown : युवाओं में अनिद्रा व अकेलेपन की बढ़ी शिकायतें, इलाहाबाद विश्वविद्यालय दूर कर रहा तनाव Prayagraj News
लॉकडाउन में छात्र-छात्राएं भी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसलिए वह तनाव के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में तनाव दूर करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज है।
प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। कोविड-19 के चलते पूरा देश ठहर सा गया है। कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने के लिए पीएम मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसी बीच गृह मंत्रालय ने फिर से लॉकडाउन का अवधि बढ़ा दी है। अब यह ठहरी हुई जिंदगी युवाओं की चिंता लगातार बढ़ा रही है। हालांकि ऐसे दौर में इविवि पहल करते हुए युवाओं का तनाव दूर कर रहा है।
सैकड़ों छात्र अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं
लॉकडाउन में छात्र-छात्राएं भी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसलिए वह तनाव के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में तनाव दूर करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) में मेंटल हेल्पलाइन की शुरूआत की। अब तक सैकड़ों छात्र अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम लगातार युवाओं की काउंसलिंग कर रही है।
इविवि की मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर नीना कोहली
इविवि की मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर नीना कोहली का इस संबंध में कहना है कि अंतिम वर्ष के छात्रों में भविष्य को लेकर चिंता है। उन्हें एंट्रेंस में हिस्सा लेना है। इसके अलावा अन्य छात्र परीक्षा की तिथि तय न होने से भी परेशान हैं, क्योंकि इन सब पर अभी अनिश्चितता बरकरार है। इन सबके बीच विशेषज्ञों की टीम युवाओं को विपरीत मानसिक हालात से उबारने का लगातार प्रयास कर रही है।
तनाव में दारागंज का छात्र भर्ती
इविवि के डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर केपी सिंह ने बताया कि हेल्पलाइन पर पिछले दिनों राजनीति विज्ञान विभाग से एक छात्र ने फोन किया और बात करते वक्त ही उसकी स्थिति खराब हो गई। वह काफी घबरा गया था। फौरन इविवि से एंबुलेंस भेजकर उसे तेज बहादुर सप्रू अस्पताल ले जाया गया। वहां जांच के बाद सब सामान्य रहा। खुद डॉक्टरों ने भी बताया कि अकेलापन की वजह से ऐसा हुआ है।
ये है विशेषज्ञ की टीम
प्रो. केपी सिंह, प्रो. आरके उपाध्याय, प्रो. नीना कोहली, प्रो. कोमिला थापा, प्रो. भूमिका कर, प्रो. शबनम हामिद, प्रो. एनके शुक्ल, प्रो. अर्चना चहल, डॉ. एसके अग्रवाल, डॉ. साधना पांडेय, डॉ. राजीव गिरी, सुधीर पांडेय।
काउंसलिंग कर युवाओं की मानसिक स्थिति ठीक करने का प्रयास
इविवि की मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर नीना कोहली कहती हैं कि लॉकडाउन में सब कुछ स्थिर होने के चलते युवाओं को समस्याएं हो रही है। काउंसलिंग कर मानसिक स्थिति ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। परीक्षा की तिथि तय होने से काफी हद तक सफलता मिल सकती है।