Allahabad University: विश्वविद्यालय के छात्र 'मूट कोर्ट' से आज से जिरह और कानून की बारीकियां सीखेंगे
Allahabad University इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन विधि संकाय प्रोफेसर जेएएस सिंह कहते हैं कि विधि के विद्यार्थियों को न्यायालय के कार्यों से अवगत कराने के लिए मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इससे वे कानून की बारीकियां सीखेंगे और बेबाकी से तर्क रखने का भी हुनर सीखेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। देश को कई नामचीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआइ) और हाईकोर्ट व जिला कोर्ट को तमाम जज देने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के विधि संकाय ने कोरोना वायरस संक्रमण काल में अनूठी पहल की है। शुक्रवार यानी आज से तीन दिन ऑनलाइन मूट कोर्ट का आयोजन किया गया है। इसमें यहां के विधि छात्र देश भर के तमाम विश्वविद्यालयों की 48 टीमों के साथ कोर्ट के फैसलों पर जिरह करेंगे।
आइए जानें क्या है मूट कोर्ट
इविवि में विधि संकाय के डीन प्रोफेसर जेएस सिंह बताते हैं कि मूट कोर्ट एक तरह से काल्पनिक कोर्ट है। इसका उद्देश्य किसी महत्वपूर्ण विषय पर याचिका तैयार करने के अलावा उसका जवाब और उस मसले पर गंभीरता से शोध करना है। इसमें कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र एक टीम की तरह कार्य करते हैं। वह सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णयों का गंभीरता से अध्ययन करते हैं। फिर मूट कोर्ट में तर्क प्रस्तुत करते हैं।
फाइनल राउंड में दो होंगी टीमें
नौ अप्रैल से 11 अप्रैल तक होने वाली इस प्रतियोगिता में कुल 48 टीमें प्रतिभाग करेंगी। सेमीफाइनल में चार टीमें हिस्सा लेंगी। इसमें विजेता टीम फाइनल राउंड के लिए चुनी जाएंगी। विजेता को प्रथम पुरस्कार और उप विजेता को द्वितीय पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा।
इन विश्वविद्यालयों से जुड़ेंगे छात्र
अलीगढ़ केंद्रीय विवि, जामिया मिलिया नई दिल्ली, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हैदराबाद, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी कटक, एमटी यूनिवर्सिटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला, शिमबासिस यूनिवर्सिटी मुंबई, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बंगलुरु, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटियाला, राजस्थान युनिवर्सिटी जयपुर, नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी दार्जिलिंग, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी कोचीन और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी।
बोले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन विधि संकाय
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन विधि संकाय प्रोफेसर जेएएस सिंह कहते हैं कि विधि के विद्यार्थियों को न्यायालय के कार्यों से अवगत कराने के लिए मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इससे कानून की बारीकियों को सीखने के अलावा बेबाकी से अपना तर्क रखने का भी हुनर निखारा जाएगा।