Allahabad University : नौ छात्रों के निलंबन के मामले ने तूल पकड़ लिया है, छात्रों ने कुलपति दफ्तर में जड़ा ताला
Allahabad University हॉस्टल खोलने की मांग कर रहे नौ छात्रों को निलंबित कर दिया गया था। विरोध में छात्रों ने कुलपति कार्यालय में ताला बंद कर अपना आक्रोश जताया।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) प्रशासन की तरफ से नौ छात्रों को निलंबित करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में मंगलवार को छात्रों को गुस्सा फूट पड़ा। नाराज छात्रों ने छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में कुलपति कार्यालय में ताला जड़ दिया। छात्रों ने वहां कुलपति विरोधी नारे भी लगाए। जानकारी मिलते ही सीओ कर्नलगंज, एडीएम सिटी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। छात्र लगातार कुलपति को नीचे बुलाने की मांग और अड़े रहे।
ताला जडऩे पर नौ छात्र निलंबित
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में ताला जडऩे के मामले में इविवि प्रशासन ने नौ छात्रों को निलंबित कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को पत्र लिखा है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय ने बताया कि सत्यम कुशवाहा, शरद शंकर, मसूद अंसारी, उत्कर्ष दुबे, धनंजय कुशवाहा, विजय सेन सिंह, रितेश कुमार, पवन कुमार यादव और आनन्द यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
छात्रों ने कुलपति, डीएसडब्ल्यू और प्रॉक्टर ऑफिस में जड़ा था ताला
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल में प्रवेश की मांग को लेकर काफी संख्या में छात्र आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच छात्रों ने दर्जनों बार इविवि के प्रशासनिक अफसरों को पत्र भी लिखा। आरोप है कि इसके बावजूद कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंचा। यहां तक कि हालत बिगडऩे पर चिकित्सकीय सुविधा भी नहीं उपलब्ध कराई गई। छात्रों ने बताया कि सोमवार को चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय छात्रों के पास पहुंचे। उन्होंने छात्रों को स्पष्ट बताया कि परीक्षा ऑनलाइन मोड में होगी। ऐसी स्थिति में हॉस्टलों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
ताला तोड़ने के बाद कर्मचारी बाहर निकल सके थे
इससे छात्रों के सब्र का बांध टूट गया। नाराज छात्रों ने फौरन ही कुलपति, डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में ताला जड़ दिया। इस दौरान सभी प्रशासनिक अफसर अपने कार्यालय में ही रहे और बाहर से छात्रों ने ताला बंद कर दिया। इविवि प्रशासन के कर्मचारियों से ताला तुड़वाकर प्रशासनिक अफसर कार्यालय से बाहर निकल सके।
...ताकि छात्र हित में निर्णय लेने के लिए विवश हों
छात्रनेता शरद शंकर ने कहा कि सत्याग्रह व आमरण अनशन के बावजूद छात्रों के हित में परिणाम न आने पर इस उद्देश्य से तालाबंदी की गई कि अधिकारी अपने कार्यालय के भीतर छात्र हित में निर्णय लेने के लिए विवश हों। छात्र नेता सत्यम कुशवाहा ने कहा कि छात्रावासों में ताला बंद हो सकता है तो इनके कार्यालयों में क्यों नहीं?