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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रनेताओं को छात्र परिषद नहीं छात्रसंघ चाहिए

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में पदाधिकारियों की बैठक हुई। कहा कि छात्र परिषद नहीं बल्कि छात्रसंघ की वकालत की। कहा कि विवि प्रशासन छात्रसंघ को बदनाम कर रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:51 PM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रनेताओं को छात्र परिषद नहीं छात्रसंघ चाहिए
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रनेताओं को छात्र परिषद नहीं छात्रसंघ चाहिए

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ को खत्म कर छात्र परिषद को लाने की तैयारी से छात्र नेताओं में आक्रोश है। छात्रसंघ भवन में हुई बैठक में छात्र नेताओं ने कहा कि उन्हें छात्र परिषद नहीं छात्रसंघ चाहिए। 

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 बोले छात्रसंघ अध्यक्ष, इविवि प्रशासन छिपा रहा अपनी नाकामी

छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस प्रकार का निंदनीय कार्य कर रहा है, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीते दिनों छात्रावासों में छापेमारी कर जबरन छात्रों को बाहर कर दिया गया। विश्वविद्यालय की रैंकिंग 200 पार हो गई जिसका जवाब कुलपति के पास नहीं है। अब इसका पूरा ठीकरा छात्रसंघ पर फोड़ा जा रहा है। महामंत्री शिवम सिंह ने कहा कि कुलपति अपने कृत्यों को छिपाने के लिए छात्रसंघ को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं, क्योंकि कोर्ट ने इनसे जवाब तलब किया है। उपमंत्री सत्यम सिंह ने कहा कि छात्रसंघ हमेशा छात्र हित के लिए खड़ा रहता है। ऐसे में यदि छात्रसंघ नहीं होगा तो छात्रों के हित की लड़ाई लडऩा संभव नहीं होगा। बैठक में शिवम सिंह, अदनान, अजय यादव सम्राट, महफूज खान, सौरभ सिंह, आनंद सेंगर, विश्वविदित प्रताप सिंह, अंकित वर्मा, सत्यम कुशवाहा आदि मौजूद रहे। 

दिशा छात्र संगठन ने छात्र परिषद का किया विरोध

दिशा छात्र संगठन की बैठक रविवार को कैंप कार्यालय पर हुई। इसमें छात्र परिषद का गठन करने के निर्णय का विरोध जताया। अंगद ने कहा कि छात्र परिषद का गठन वास्तव में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारियों को समेटने व खत्म करने की एक साजिश है। विश्वविद्यालय प्रशासन अराजकतत्वों पर कार्रवाई करने के बजाय छात्रसंघ को ही खत्म करना चाहता है। अविनाश कहते हैं कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इस फैसले को लागू करता है तो छात्रों को लामबंद करके इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बैठक में धर्मराज, अंबरीश, अंजलि, महाप्रसाद आदि मौजूद रहे।

क्या है मामला

विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रसंघ को भंग करके छात्र परिषद लाने की तैयारी कर रहा है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर विश्वविद्यालय की मंशा जाहिर की है। छात्रसंघ चुनाव में छात्र सीधे अपने मत से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, संयुक्त सचिव और सांस्कृतिक सचिव का चुनाव करते हैं लेकिन छात्र परिषद में ऐसा नहीं है। इसमें छात्रों द्वारा पहले अपना प्रतिनिधि चुना जाएगा फिर यह प्रतिनिधि पदाधिकारियों का चयन करते हैं। 

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