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NIRF रैंकिंग 2020 : इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान टॉप 100 में हो सकता है शामिल Prayagraj News

वर्ष 2019 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय टॉप 200 में भी जगह नहीं बना सका था। वहीं 2018 की रैंकिंग में इविवि देश के टॉप 100 की सूची से बाहर हो गया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 02:02 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 06:23 PM (IST)
NIRF रैंकिंग 2020 : इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान टॉप 100 में हो सकता है शामिल Prayagraj News
NIRF रैंकिंग 2020 : इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान टॉप 100 में हो सकता है शामिल Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) 2020 की रैंकिंग जारी कर सकता है। इससे पहले एक प्राइवेट एजेंसी की तरफ से जारी रैंकिंग में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की साख और मजबूत हुई। कंपनी ने इविवि को देश भर में 42वीं रैंक दी है। यदि एनआइआरएफ में भी रैंकिंग में सुधार हुआ तो कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज होगी।

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2019 में इविवि टॉप 200 में भी जगह नहीं बना सका था

दरअसल एनआइआरएफ की रैंकिंग से पहले प्राइवेट कंपनी भी देश भर के संस्थानों की रैंकिंग जारी करता है। कमोवेश एनआइआरएफ की रैंकिंग इससे मिलती-जुलती रहती है। वर्ष 2019 में इविवि टॉप 200 में भी जगह नहीं बना सका था। वहीं 2018 की रैंकिंग में इविवि देश के टॉप 100 की सूची से बाहर हो गया था। एचआरडी मंत्रालय ने 2016 से रैंकिंग की व्यवस्था लागू की थी। पहली बार 2016 में इविवि को 68वां स्थान मिला था। 2017 में 27 पायदान की गिरावट के साथ 95वें स्थान पर चला गया था। 2018 में टॉप 100 की सूची से बाहर होकर 144वां स्थान हासिल किया था।

प्राइवेट कंपनी की सूची में देश भर में इविवि को 42वीं व प्रदेश में पांचवीं रैंक

हालांकि 2020 में बेहतरी की उम्मीद जताए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि प्राइवेट कंपनी की ओर से जारी सूची में देश भर में इविवि को 42वीं और प्रदेश में पांचवीं रैंक मिली है। पूर्व में प्राइवेट कंपनी ही रैंकिंग जारी करती थी। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि कार्यवाहक कुलपति प्रो आरआर तिवारी के कार्यकाल में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है।

इविवि के कार्यवाहक कुलपति बोले

इविवि के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी कहते हैं कि मेरा प्रयास है कि हमारी मातृ संस्था नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। रैंकिंग में सुधार का श्रेय शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, अधिकारी और छात्र को भी जाता है। इन्हीं की बदौलत विश्वविद्यालय बेहतरी की तरफ आगे बढ़ रहा है।


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