प्रदेश के डीजीपी को मानद उपाधि पहुंचाएगा इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने लखनऊ में जाकर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि सौंपेगा। वह किन्हीं कारणों से दीक्षा समारोह में शामिल नहीं हो सके थे।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में गुरुवार को आयोजित दीक्षा समारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह को मानद उपाधि दी गई। किन्हीं कारणों से डीजीपी का कार्यक्रम निरस्त होने पर कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू ने डीजीपी की मानद उपाधि कुलसचिव प्रो. एनके शुक्ला को दी जिसे इविवि प्रशासन लखनऊ में डीजीपी को सौंपेगा।
दीक्षा समारोह में डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि से नवाजा गया
पिछले दिनों इविवि की विद्वत परिषद और कार्य परिषद में यह निर्णय लिया गया था कि 23 वर्ष बाद होने वाले दीक्षा समारोह में डीजीपी ओपी सिंह को डॉक्टरेट और केशरीनाथ त्रिपाठी को डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि दी जाएगी। इसके बाद डीजीपी को मानद उपाधि दिए जाने पर इविवि के रिटायर्ड शिक्षक प्रोफेसर राम किशोर शास्त्री ने सवाल खड़े कर दिए और वह दिल्ली में एचआरडी मंत्रालय के सामने धरने पर बैठक गए। छात्रसंघ ने भी विरोध करते हुए 30 अगस्त को गृह मंत्रालय को पत्र लिखा।
अपरिहार्य कारणों से दीक्षा समारोह में नहीं शामिल हो सके डीजीपी
दीक्षा समारोह की पूर्व संध्या पर डीजीपी का आना अपिरहार्य कारणों से निरस्त हो गया जिसके चलते समारोह में इविवि के कुलसचिव प्रो. एनके शुक्ला ने डीजीपी की मानद उपाधि ग्रहण की। प्रो. शुक्ला ने दैनिक जागरण को बताया कि डीजीपी ने इविवि प्रशासन को पत्र लिखकर मानद उपाधि देने के लिए आभार जताया। पत्र में उन्होंने कहा कि मैं इस काबिल तो नहीं था लेकिन इविवि प्रशासन ने इस काबिल मुझे समझा। पत्र में आवश्यक कारणों से न पहुंच पाने का उन्होंने जिक्र किया है। प्रो. शुक्ला ने बताया कि अब डीजीपी से समय लेकर उन तक यह उपाधि जल्द पहुंचाई जाएगी।