कुंभ में स्वच्छता की मिसाल बनेगा इलाहाबाद जंक्शन
कुंभ मेले में इलाहाबाद जंक्शन पर वर्तमान की तुलना में चार गुना सफाई कर्मी बढ़ाए जाएंगे। मशीनों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा।
राजनारायण शुक्ल राजन, इलाहाबाद : कुंभ में संगम नगरी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन इलाहाबाद जंक्शन देश-विदेश के श्रद्धालुओं को स्वच्छता की मिसाल पेश करेगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर व्यूह रचना तैयार की जा रही है।
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) का मुख्यालय होने के कारण इलाहाबाद जंक्शन महकमे की कसौटी पर रहता है। 10 प्लेटफामरें (अब 11 हो रहे) वाले इस स्टेशन की सबसे बड़ी चुनौती है सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखना। यहां सफाई के संसाधनों पर नजर डालें तो विभाग के 100 सफाईकर्मी हैं और निजी एजेंसी के जरिए 67 कर्मी लगाए गए हैं। विभाग के करीब 40 फीसद कर्मी किसी न किसी कारण से अवकाश पर रहते हैं। इसके अलावा पांच-सात कर्मी डाक या अन्य सेवाओं में लगे रहते हैं। ऐसे में दो शिफ्ट की सफाई में विभाग के 20-22 कर्मी ही रह पाते हैं। इसी तरह एजेंसी के भी एक शिफ्ट में करीब 30 कर्मी रहते हैं। इस तरह औसतन 50 सफाई कर्मियों के भरोसे इस बड़े जंक्शन को साफ-सुथरा रख पाना मुश्किल होता है। रेल मंत्री के आने पर दूसरे स्टेशनों से कर्मी लेकर सफाई कराई जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
अब रेल महकमे ने जंक्शन पर सफाई कर्मियों की फौज उतारने का प्लान तैयार किया है। जंक्शन को अब तक सफाईकर्मी मुहैया करा रही एजेंसी द्वारा यहां 240 सफाईकर्मी तैनात किए जाएंगे। साथ ही सफाई को गति देने के लिए 24 की जगह 70 मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
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रैंक में उछाल की जंग
एनसीआर मंडल में इलाहाबाद जंक्शन स्वच्छता के मानक पर 33वीं रैंक पर है। कुंभ के जनसैलाब में स्वच्छता की अलख पूरे वेग से जलाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है।
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ढाई सौ ट्रेनों का आवागमन
इलाहाबाद जंक्शन से होकर 24 घंटे में 250 ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें मुंबई, हावड़ा व दिल्ली रूट की अधिक हैं। इसके अलावा 100 मालगाड़ियां भी पास होती हैं। अधिक गाडि़यों के गुजरने से भीड़ होती है तो गंदगी भी उसी अनुपात में होती है।
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'रेलवे जंक्शन को साफ रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है। संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। वैसे सफाई सतत चलने वाली प्रक्रिया है, फिर भी कुंभ पर महकमे का खास फोकस है।'
-सुनील गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआर, इलाहाबाद मंडल