कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट चिंतित, कहा- पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही
कोरोना वायरस संक्रमण पर सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने लखनऊ मेरठ गाजियाबाद कानपुर नगर और गौतमबुद्ध नगर में मरीजों की बढ़ने पर चिंता व्यक्त की। हाई कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण और पार्किंग के मामले की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर नगर और गौतमबुद्ध नगर में मरीजों की बढ़ने पर चिंता व्यक्त की। हाई कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है। इन जिलों में सौ प्रतिशत मास्क पहनना लागू किया जाए। जिले में बाहर से आने वालो की जांच हो। इसके लिए मेडिकल सुविधा बढ़ाई जाए। अगली सुनवाई के दिन टेस्टिंग व स्वस्थ होने की दर की जानकारी दी जाए।
अपर महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 में से 37 जिलों में ड्रोन कैमरे से निगरानी चल रही है। प्रयागराज में दो ड्रोन कैमरा 21 क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं, जबकि पुलिस विभाग के चार ड्रोन कैमरे मरम्मत के लिए मुंबई भेजा गया है।
जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ को जानकारी दी गई कि खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले 729 लोगों ने नियम का पालन करने के लिए लिखित आश्वासन दिया है। इस पर एडवोकेट कमिश्नर ने आपत्ति करते हुए कहा कि मौके पर नियम का पालन नहीं हो रहा। दुकान के पास लोग खड़े होकर खा रहे हैं। दुकानदार उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस पर कोर्ट ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोरोना संक्रमण के रोकने के उपायों की जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज में कोविड मरीजों का अलग गेट बनाने मे धन की कमी पूरी करने के निर्देश का पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि फंड उपलब्ध कराये या डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अध्ययन कोर्ट में 10 दिसंबर को हाजिर हों।
नगर आयुक्त को कार्रवाई का आदेश : हाई कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नरों ने रिपोर्ट देकर सफाई न होने, स्ट्रीट लाइट बंद रहने, कूड़ा संग्रह न करने जैसी कई शिकायतें की। कोर्ट ने नगर आयुक्त प्रयागराज को सारी शिकायतों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। वहीं, प्रयागराज विकास प्राधिकरण व प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से हलफनामे दाखिल किये गये। पीडीए ने अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी। कोर्ट ने कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।