गेहूं खरीद में अवैध वसूली पर हाई कोर्ट सख्त, दोषी अफसरों-कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्देश
गेहूं खरीद केंद्रों पर अवैध वसूली होने पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। गेहूं खरीद केंद्रों पर अवैध वसूली होने पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही प्रमुख सचिव खाद्य व नागरिक आपूर्ति को आदेश दिया है कि वह गेहूं खरीद केंद्रों पर अवैध वसूली रोकने की कार्रवाई करें। गलत काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही तय कर कड़ी कार्रवाई की जाए। गेहूं खरीद बिना वसूली के सुनिश्चित कराए।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी व न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने कानपुर नगर के किसान ओम प्रकाश की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना था कि गेहूं खरीद में भारी घपला हो रहा है। गंभीरपुर खरीद केंद्र पर प्रति क्विंटल 40 रुपये देने पर ही अनाज की तौल व खरीद की जा रही है। इस घपले की शिकायत सात जून को जिलाधिकारी से की गई, लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट ने इस मामले पर जब जिलाधिकारी से जवाब मांगा तो दाखिल हलफनामे के जरिये उन्होंने बताया कि एसडीएम नरवल से जांच रिपोर्ट मांगी गई। जांच रिपोर्ट 19 जून, 2019 की मिली, जिसमें 40 रुपये की मांग की पुष्टि की गई और पाया गया है कि मार्केटिंग इंस्पेक्टर की मिलीभगत से घपला किया जा रहा है। फिर मार्केटिंग इंस्पेक्टर राजेश कुमार को निलंबित करके विभागीय जांच कराई जा रही है, जबकि सेंटर इंचार्ज सुधीर कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए आयुक्त खाद्य एवं आपूर्ति से संस्तुति की गई।
इसके साथ सेंटर पर वसूली करने वाले व्यक्ति चक्रपाल सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर उत्पादक को मूल्य तय करने का अधिकार है, लेकिन किसानों के मामले में ऐसा नहीं हो पाता। उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल मिल पाता। सरकार की किसानों के फायदे की योजनाओं को अधिकारियो की मिलीभगत से घोटाले की भेंट चढ़ा दिया जाता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को खरीद घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए कहा है कि इससे दूसरों को सबक मिलेगा।
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