Move to Jagran APP

हाईकोर्ट ने कहा- पैसों की सुरक्षा करना बैंक की जिम्मेदारी, जमा कर्ता देश के प्रति ईमानदार

हाई कोर्ट ने कहा कि बैंक में पैसा जमा करने वाले लोग देश के प्रति ज्यादा ईमानदार हैं। उनका पैसा हर हाल में सुरक्षित रहना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गरीब ईमानदार आदमी अपना पैसा बैंक में रखता है। इससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 05:28 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 06:39 PM (IST)
साइबर ठगी पर पैसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की, कालाबाजारी देश के विकास में रोड़ा

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव के बैंक खाते से झारखंड के साइबर अपराधियों द्वारा पांच लाख रुपए की ठगी के सभी आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कहा है कि साइबर ठगी के मामले में पैसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की होनी चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने नीरज मंडल उर्फ राकेश, तपन मंडल, शूबो शाह उर्फ शुभाजीत व तौसीफ जमा की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

loksabha election banner

बैंक में जमा पैसे की सुरक्षा हर हाल में होनी चाहिए

हाई कोर्ट ने कहा कि बैंक में पैसा जमा करने वाले लोग देश के प्रति ज्यादा ईमानदार हैं। उनका पैसा हर हाल में सुरक्षित रहना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गरीब ईमानदार आदमी अपना पैसा बैंक में रखता है। इससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कालाबाजारी करने वाले सफेदपोश लोग पैसा तहखाने में रखते हैं, जो देश के विकास में काम नहीं आता। वे विकास में रोड़ा उत्पन्न करते हैं। कोर्ट ने कहा कि बैंक यह कहकर नहीं बच सकते कि उनकी जिम्मेदारी नहीं हैं। पुलिस यह कहकर नहीं बच सकती कि साइबर अपराधी उनकी पहुंच से दूर नक्सली क्षेत्रों में रहते हैं। साइबर अपराध की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

रांची से फोनकर मांगा था खाते का डीटेल

पूर्व न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को चार दिसंबर 2020 को रांची से मोबाइल नंबर पर फोन आया। पासबुक आधार पैन नंबर मांगा गया। इसके बाद ही उनके खाते से पांच लाख रुपए निकल लिए गए। आठ दिसंबर को उन्होंने प्रयागराज के कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। न्यायमूर्ति झारखंड हाईकोर्ट में जज रह चुकी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट से उनका तबादला किया गया था। इस केस में पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और चार्जशीट दाखिल की है। आरोपितों ने पुलिस पर बिना साक्ष्य के फंसाने का आरोप लगाते हुए जमानत पर रिहा करने की अर्जी दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.