इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- निविदा शर्तें तय करने का जिला पंचायत को है पूरा अधिकार
हाई कोर्ट ने कहा कि जिला पंचायत मिरजापुर को ठेके की शर्तें तय करने का पूरा अधिकार है। श्रम विभाग में पंजीकृत फर्म को ही ठेका देने की शर्त पूरी न करने वाली याचिका पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार दिया। साथ ही याचिका भी खारिज कर दी
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि जिला पंचायत मिरजापुर को ठेके की शर्तें तय करने का पूरा अधिकार है। श्रम विभाग में पंजीकृत फर्म को ही ठेका देने की शर्त पूरी न करने वाली याचिका पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार दिया।
शर्त पूरी न करने वाली फर्म को ठेका न देने के खिलाफ याचिका खारिज
यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता व न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने मेसर्स ओम कांस्ट्रक्शन के एकमात्र प्रोपराइटर की याचिका पर दिया है। इसके साथ ही इलाहाबाद हाई काेर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। याची का कहना था कि वह फर्म लोक निर्माण विभाग मीरजापुर में पंजीकृत हैं। याची ने जिला पंचायत के कई ठेकों की नीलामी में हिस्सा लिया। उसकी दो बोली यह कहते हुए निरस्त कर दी गई कि वह श्रम विभाग में पंजीकृत नहीं है। उसे निविदा शर्तें पूरी न करने के कारण अयोग्य करार दिया गया।
ठेका विपक्षियों को जनवरी 2022 में ही दिया जा चुका है, बताया जिला पंचायत अधिवक्ता ने
याचिका में चार-पांच जनवरी 2022 के आदेश व सात जनवरी 2022 को विपक्षियों को निविदा देने को यह कहते हुए चुनौती दी कि शर्तें थोपना उसके अधिकार का उल्लघंन है। उसकी बोली स्वीकार की जाय। वहीं, जिला पंचायत के अधिवक्ता वीके चंदेल का कहना था कि निविदा शर्तें याची को मालूम थी कि श्रम विभाग में पंजीकृत होना जरूरी है। इसके बावजूद उसने निर्धारित योग्यता न होने पर भी नीलामी में हिस्सा लिया। वैसे भी ठेका विपक्षियों को जनवरी 2022 में ही दिया जा चुका है।